मुख्यमंत्री पद के लिए धन सिंह रावत का नाम सबसे आगे, पुष्कर सिंह धामी बन सकते हैं उप मुख्यमंत्री

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देहरादून। प्रदेश में सत्ता हस्तांतरण के बाद राजनीतिक घटनाक्रम तेजी से बदल रहा है। चर्चाओं को आधार माने तो प्रदेश में राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार रहे धन सिंह रावत नए मुख्यमंत्री बन सकते हैं। इसके अलावा गढ़वाल और कुमाऊं में सामंजस्य बनाने के लिए कुमाऊ की खटीमा सीट से विधायक पुष्कर सिंह धामी को उप मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। हालांकि बुधवार को विधानमंडल दल की बैठक है जिसमें मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री के नाम पर अंतिम मुहर लगना बाकी है उसी के बाद शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया जाएगा।


ज्ञात रहे कि प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है। 18 मार्च 2017 को त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी, तभी से वह सरकार को चला रहे थे। उम्मीद थी त्रिवेंद्र सिंह रावत अपना कार्यकाल पूरा करेंगे, मगर 5 साल से पहले ही उनको भी इस्तीफा देना पड़ गया। उसकी वजह सरकार में विधायक, सांसद और मंत्रियों की उनके प्रति गहरी नाराजगी मुख्य कारण रहा। चर्चा तो यह भी है कि हाल ही में उन्होंने गैरसैण मंडल का गठन किया था जिसमें जिन 4 जिलों को शामिल किया है, उन जिलों के विधायक और सांसदों की ही राय नहीं ली गई। इससे विद्रोह की आग और बढ़ गई। अंततः गुस्से की चिंगारी दिल्ली तक पहुंच गई और हाईकमान को मुख्यमंत्री हटाने का फैसला लेना ही पड़ा। मंगलवार को मुख्यमंत्री ने अपना इस्तीफा राज्यपाल बेबी रानी मौर्य को सौंप दिया, साथ ही राज्यपाल ने नए मुख्यमंत्री के चयन तक श्री रावत को पद पर बने रहने के लिए कहा है। इधर नए मुख्यमंत्री के रूप में प्रदेश में राज्य मंत्री रहे धन सिंह रावत का नाम सबसे आगे माना जा रहा है। इसके अलावा राज्यसभा सदस्य अनिल बलूनी, भाजपा के नैनीताल सांसद अजय भट्ट एवं कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज का नाम चर्चा में है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की मजबूत पृष्ठभूमि के चलते धन सिंह रावत सभी पर भारी पड़ते बताए जा रहे हैं। इसके अलावा भाजपा पहली बार राज्य में उत्तर प्रदेश के राजनीतिक मॉडल को लागू करने जा रही है। जिसमें कुमाऊं और गढ़वाल का संतुलन बनाए रखने के लिए कुमाऊं की खटीमा सीट से विधायक पुष्कर सिंह धामी को उप मुख्यमंत्री बनाने की चर्चा है, हालांकि अभी इस संबंध में कोई आधिकारिक पुष्टि करने के लिए तैयार नहीं है। कहा जा रहा है कि कल होने वाली विधानमंडल दल की बैठक में फैसला होगा और उसके बाद नई सरकार शपथ ग्रहण भी कर लेगी।