न्यूज जंक्शन 24, अजमेर
राजस्थान में अजमेर स्थित भ्रष्टाचार मामलों की विशेष अदालत ने महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय के कुलपति व बरेली कॉलेज बरेली के पूर्व प्राचार्य आरपी सिंह तथा नागौर झुंझाला के इंजीनियर राहुल मिर्धा कॉलेज के प्रतिनिधि महिपाल सिंह को न्यायिक अभिरक्षा में भेजने के आदेश दिए हैं। जबकि मुख्य दलाल रणजीत चौधरी को पुलिस अभिरक्षा में भेजने को कहा है।
सूत्रों के अनुसार रिश्वत के आरोप में गिरफ्तार तीनों आरोपियों को रिमांड की अवधि खत्म होने के बाद एसीबी की टीम ने न्यायालय में पेश किया। एसीबी ने न्यायालय से मुख्य दलाल रणजीत के लिए पांच दिन की रिमांड मांगी। न्यायालय ने मांग को स्वीकार करते हुए आरोपी रणजीत को 14 सितंबर तक पुलिस अभिरक्षा में भेजने के आदेश दिए जबकि कुलपति प्रो. आर पी सिंह एवं घूस की राशि लाने वाले महिपाल सिंह को 24 सितंबर तक न्यायिक अभिरक्षा में भेजे जाने के आदेश दिए।
एसीबी के सीआई पारसमल ने बताया कि कुलपति के सैलरी एकाऊंट को भी अनुसंधान के दौरान फ्रिज किया गया है, जिसमें 19 लाख 8० हजार रुपये की राशि जमा है। कुलपति के दलाल रणजीत चौधरी के भी चार बैंक अकाउंट को फ्रिस किया गया है। जिसमें चार लाख 9० हजार रुपये की राशि जमा है। आने वाले दिनों में अनुसंधान में यह पता लगाने की कोशिश की जाएगी कि यह राशि कहां से और कैसे हासिल हुआ। उन्होंने बताया कि निजी महाविद्यालयों को मान्यता देने, परीक्षा पैनल तैयार कराने, इंस्पेक्शन पैनल भी अपने पक्ष मे कराने के लिए रिश्वतखोरी का गोरखधंधा संभाग के अजमेर, टोंक, भीलवाड़ा, नागौर जिलों के निजी महाविद्यालयों में चलाए जाने के भी साक्ष्य मिल रहे हैं, इनकी समीक्षा की जाएगी। एसीबी ने अब तक कुल नौ लोगों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज की है।