न्यूज जंक्शन 24, नई दिल्ली। तमिलनाडु के कुन्नूर में हेलीकॉप्टर हादसे में घायल हुए वायु सेना के ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह (Group Captain Varun Singh) का भी बुधवार को निधन हो गया। वह सीडीएस जनरल बिपिन रावत के साथ हेलिकॉप्टर में यात्रा कर रहे 14 लोगों के दल में शामिल थे और हादसे में एक मात्र जिंदा बचे सैन्य अधिकारी थे। वायुसेना की ओर से उनके निधन की पुष्टि की गई है। भारतीय वायुसेना ने अपने ट्वीट में कहा है कि यह बताते हुए काफी दुख हो रहा है कि ग्रुप कैप्टन (Group Captain Varun Singh) का इलाज के दौरान आज निधन हो गया। वे आठ दिसंबर 2021 को हुए हादसे में अकेले जिंदा बचे थे।
यूपी के देवरिया के रहने वाले थे वरुण सिंह
वरुण सिंह (Group Captain Varun Singh) देवरिया के कन्हौली गांव के रहने वाले थे। वह मूलरूप से फाइटर पायलट थे। साल 2007 से 2009 तक उनकी गोरखपुर में पोस्टिंग रही। वह जगुआर फाइटर प्लेन उड़ाते थे। गोरखपुर से उनका हैदराबाद तबादला हुआ था। वर्तमान में तमिलनाडु के वेलिंगटन में तैनात थे। वेलिंगटन स्थित डिफेंस एकेडमी के कार्यक्रम में सीडीएस रावत को हिस्सा लेना था, कैप्टन उनके साथ जा रहे थे, लेकिन पहले ही हादसा हो गया।
कांग्रेस नेता के थे भतीजे, मिला था शौर्य चक्र
ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह (Group Captain Varun Singh) कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता व पूर्व विधायक अखिलेश प्रताप सिंह के भतीजे हैं। 12 अक्तूबर 2020 को फ्लाइंग कंट्रोल सिस्टम खराब होने के बावजूद, वरुण ने करीब दस हजार फीट की ऊंचाई से विमान की सफल लैंडिंग कराई थी। इसके लिए 15 अगस्त को राष्ट्रपति ने उन्हें शौर्य चक्र से सम्मानित किया था। वरुण के चाचा अखिलेश प्रताप सिंह ने कहा कि सेना के अधिकारियों द्वारा हादसे में वरुण के घायल होने की सूचना मिली है। ईश्वर से उनके जल्द ठीक होने की कामना की जा रही है।
पीएम व रक्षा मंत्री ने दी श्रद्धांजलि
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर शोक जताते हुए ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा है कि ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह को श्रद्धांजलि। देश के लिए उनकी सेवा को सभी भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने पराक्रम, अत्यंत पेशेवराना अंदाज से देश की सेवा की। उनके परिवार और मित्रों के प्रति मेरी संवेदनाएं।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी उनके निधन पर शोक जताया है। उन्होंने ट्वीट किया है-IAF पायलट ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह के निधन से हुए दर्द को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। वह सच्चे फाइटर थे, जिन्होंने अपनी अंतिम सांस तक जंग जारी रखी।
ऐसे ही लेटेस्ट व रोचक खबरें तुरंत अपने फोन पर पाने के लिए हमसे जुड़ें
हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिए यहां क्लिक करें।
हमारे यूट्यब चैनल से जुड़ने के लिए यहां क्लिक करें।
हमारे टेलीग्राम ग्रुप से जुड़ने के लिए क्लिक करें।