बरेली। शिक्षा विभाग ने एचएन द्विवेदी इंटर कालेज हाफिजगंज को क्लीन चिट दे दी है। लंबी जांच में साफ हुआ कि परिषदीय परीक्षा 2018 में स्कूल को साजिशन डिबार कराया गया था। अब स्कूल बोर्ड के सभी पारिश्रमिक कार्यो के लिए अर्ह माना गया है। साथ ही वो परीक्षा केंद्र के लिए भी आवेदन कर सकता है।
बोर्ड परीक्षा 2018 के दौरान एचएन द्विवेदी इंटर कॉलेज के केंद्र व्यवस्थापक के खिलाफ सचल दल प्रभारी डा केपी सिंह ने थाना हाफिजगंज में एफआईआर दर्ज कराई थी। निरीक्षण के दौरान केंद्र पर 7 फरवरी से 11 फरवरी तक की परीक्षाओं की रिकॉर्डिंग गायब मिलने के आरोप लगा था। डीआईओएस की रिपोर्ट के आधार पर बोर्ड ने स्कूल को डिबार भी कर दिया। एचएन द्विवेदी के अभिषेक द्विवेदी ने इस मामले में हार नहीं मानी। उन्होंने उस समय ही आरोप लगाया था कि पैसे नहीं देने के कारण उनके केंद्र पर अनर्गल आरोप लगाए गए हैं। जबकि केंद्र में न तो नकल हो रही थी और न ही कोई रिकार्डिंग गायब थी। बल्कि सचल दल टीम ने उनकी डीवीआर से छेड़खानी कर रिकार्डिंग को डिलीट कर दिया था। टीम के साथ एक बाहरी व्यक्ति भी था।
लेन-देन की नहीं बनी बात तो कराई एफआईआर
इस मामले की जब जांच कराई गई तो पाया गया कि डा केपी सिंह के निरीक्षण से पहले डीडीआर, बीएसए, डीआईओएस, नायब तहसीलदार और डायट प्राचार्य केंद्र का निरीक्षण कर चुके थे। उन्होंने केंद्र को लेकर कोई प्रतिकूल प्रविष्टि नहीं की। 16 फरवरी 2018 को डा केपी सिंह ने 10.20 बजे निरीक्षण किया। उन्होंने खुद आख्या रजिस्टर पर परीक्षा शांतिपूर्ण संचालित है दर्ज किया। उसके बाद रात 9.45 बजे एफआईआर दर्ज करवा दी गई। जेडी डा प्रदीप कुमार ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि आखिर ऐसी कौन सी परिस्थितियां हुईं जो सुबह तक सेंटर पर शांतिपूर्ण परीक्षा की टिप्पणी करने वाले सचल दल प्रभारी ने रात में एफआईआर करवा दी। जांच में पाया गया है कि स्कूल के खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं है। इस लिए उसे डिबार नहीं किया जा सकता है। माना जा रहा है कि लेनदेन की बात नहीं बनने पर स्कूल के खिलाफ एफआईआर कर उसे डिबार करवा दिया गया।


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