उत्तराखंड के शिक्षा विभाग की कमजोर तैयारी के चलते पहली बार सहायक अध्यापक एलटी शिक्षकों के अंतरमंडलीय तबादले लटक गए हैं। विभाग की ओर से 366 तबादलों के लिए न तो तबादला एक्ट में संशोधन किया गया और न ही इसे धारा 27 के तहत मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित कमेटी के सामने रखा गया।
शासन ने तबादलों के लिए एसओपी जारी की थी, जिसमें यह कहा गया था कि तबादले तबादला एक्ट के तहत किए जाएंगे। लेकिन विभाग ने तय प्रक्रिया की अनदेखी करते हुए तबादला एक्ट में कोई संशोधन नहीं किया और बिना इसे धारा 27 में प्रस्तुत किए, एसओपी जारी कर दी।
राजकीय शिक्षक संघ के पूर्व प्रांतीय महामंत्री डॉ. सोहन माजिला के मुताबिक, विभाग की ओर से शिक्षकों से आवेदन तो मांगे गए, लेकिन उन्हें धारा 27 में नहीं डाला गया। इसके साथ ही तबादला एक्ट में भी कोई संशोधन नहीं किया गया। इसके बिना ही एसओपी जारी कर दी गई, जो शिक्षकों के साथ अन्याय है। डॉ. माजिला ने कहा कि अगर एक्ट में संशोधन किया जाता, तो शिक्षकों के अंतरमंडलीय तबादलों का रास्ता साफ हो जाता।



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