हल्द्वानी : अपनी ड्यूटी को अंजाम देने में जुटे पुलिस कर्मी कितने टेंशन में रहते हैैं, इसकी बानगी रुद्रपुर पुलिस लाइन में तैनात सिपाही की स्थिति से लगाया जा सकता है। जिसने दुपट्टे से ही फांसी का फंदा लगा लिया और अपनी जान दे दी। बताया जा रहा है कि मृतक मानसिक रूप से बीमार था।
नैनीताल जिले के हल्द्वानी में आने वाले छड़ायल के रहने वाले 30 वर्षीय उमेश चंद्र पुलिस डिपार्टमेंट में सिपाही था। वह रुद्रपुर पुलिस लाइन में तैनात थे। आरटीओ पुलिस चौकी इंचार्ज संजीत राठौर ने बताया कि उमेश 30 नवंबर से अनुपस्थित थे। परिवार वाले लगातार उनको ढूंढ रहे थे, पुलिस अधिकारी भी उसके गायब होने से परेशान थे और खोजबीन की जा रही थी। बताते हैैं कि उसकी मानसिक हालत ठीक नहीं थी। शनिवार को खाना खाने के बाद वह अपने कमरे में सोने के लिए चला गया था। तड़के करीब ढाई बजे उसका भाई कमरे में गया तो उमेश ठीक था। पांच बजे उमेश पंखे से लटका मिला। सूचना पर चौकी इंचार्ज टीम के साथ मौके पर पहुंचे और शव को फंदे से उतारकर अस्पताल पहुंचाया। जहां डाक्टर ने सिपाही को मृत घोषित कर दिया।
सिर्फ नौ माह पहले हुआ था विवाह
सिपाही उमेश का विवाह नौ माह पहले ही हुआ था। उसकी पत्नी अपने मायके अल्मोड़ा में एक स्कूल में अध्यापिका है। पुलिस के अनुसार अप्रैल में विवाह के बाद उसने 30 नवंबर तक ड्यूटी की। इसके बाद उसकी तबीयत बिगडऩे लगी। जिस कारण से वह ड्यूटी पर भी नहीं जा सका। स्वजनों की ओर से उसका इलाज कराया जा रहा था।
दो सिपाही पहले कर चुके हैं आत्महत्या
दो सिपाही पहले भी आत्महत्या कर चुके हैं। मूल रूप से द्वाराहाट अल्मोड़ा व हाल छड़ायल नयाबाद निवासी मुकेश जोशी ने पारिवारिक तनाव में सात जुलाई को फांसी का फंदा लगाकर जान दी थी। वह अग्निशमन विभाग में था। वहीं, अल्मोड़ा जिले के सोमेश्वर निवासी सिपाही दिलीप बोरा भोटिया पड़ाव पुलिस चौकी में तैनात था। बैरक में ही उसने 19 अगस्त को फांसी का फंदा लगा लिया था।