उत्तराखंड में वन विभाग ने कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के बिजरानी रेंज में सक्रिय हमलावर बाघ को ट्रेंकुलाइज कर सफलता प्राप्त की है, जिससे क्षेत्र के ग्रामीणों को बड़ी राहत मिली है। पिछले तीन दिनों से ग्रामीण बाघ को पकड़ने की मांग को लेकर लगातार प्रदर्शन कर रहे थे। बाघ को ट्रेंकुलाइज किए जाने के बाद अब ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है।
हाल ही में, बाघ ने रामनगर के बिजरानी रेंज के कानियां बीट में पेट्रोलिंग गश्त पर निकले दैनिक श्रमिक गणेश पर हमला कर उसे गंभीर रूप से घायल कर दिया था। गणेश को बचाने के लिए वहां मौजूद कर्मचारियों ने हवाई फायरिंग की, जिसके बाद बाघ जंगल की ओर भाग गया। घायल श्रमिक गणेश का इलाज अस्पताल में चल रहा है। इससे पहले, 9 जनवरी को जंगल में लकड़ी काटने गए कॉर्बेट के संविदा कर्मचारी प्रेम सिंह को बाघ ने हमला कर मौत के घाट उतार दिया था, जिससे पूरे क्षेत्र में दहशत फैल गई थी।
प्रेम सिंह की मौत के बाद, ग्रामीण बाघ को ट्रेंकुलाइज करने की मांग को लेकर आक्रोशित हो गए थे। शुक्रवार को ग्रामीणों ने ढेला और झिरना पर्यटन जोन की मुख्य सड़क पर प्रदर्शन किया और जाम लगा दिया, जिससे पर्यटकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। विरोध प्रदर्शन के दौरान रामनगर ढेला मार्ग पर शव रखकर घंटों विरोध किया गया। इसके बाद, पुलिस ने रेंज अधिकारी भानु प्रकाश हरबोला की तहरीर पर 5 नामजद और 50 अज्ञात ग्रामीणों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया और प्रशासन ने सांवल्दे क्षेत्र में धारा 144 लागू कर दी।
कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के पार्क वार्डन अमित ग्वासाकोटि ने बताया कि बाघ को देर रात ट्रेंकुलाइज किया गया और उसे ढेला रेंज स्थित रेस्क्यू सेंटर में भेजा गया, जहां बाघ का स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है। साथ ही, बाघ और मृतक प्रेम सिंह के सैंपल सीसीएमबी हैदराबाद भेजे जाएंगे ताकि यह जांचा जा सके कि जिस बाघ ने प्रेम सिंह पर हमला किया था, वही बाघ था या नहीं।