न्यूज जंक्शन 24, हल्द्वानी। कोरोना ने फिर से पैर पसारने शुरू कर दिए हैं। ऐसे में कोरोना टीकाकरण ही बचाव का एकमात्र उपाय है। मगर हैरानी यह है कि केंद्र सरकार के बूस्टर डोज (Corona vaccine booster dose) सभी के लिए अनिवार्य करने के बाद भी उत्तराखंड में इसे लगाना शुरू नहीं किया गया है। बूस्टर डोज केवल निजी अस्पतालों में ही लगना है और इसके लिए शुल्क भी निर्धारित कर दिया गया है। इसके बाद भी निजी अस्पताल प्रबंधकों ने बूस्टर डोज लगाने से इन्कार कर दिया है। इसने राज्य सरकार के सामने समस्या खड़ी कर दी है। इसे देखते हुए सरकार ने केंद्र से मुफ्त में बूस्टर डोज (Corona vaccine booster dose) लगाने की मांग की है।
भारत सरकार ने 10 अप्रैल से 18 वर्ष से ऊपर के लोगों के लिए कोरोना वैक्सीन की बूस्टर डोज (Corona vaccine booster dose) लगाने की अनुमति दे दी थी, लेकिन राज्य में यह व्यवस्था अभी तक शुरू नहीं हो सकी है। ऐसे मे 8 से 59 वर्ष तक के लोग भटक रहे हैं। सरकारी अधिकारियों के पास भी कोई जवाब नहीं है कि बूस्टर डोज कब से शुरू होगा। माना जा रहा है कि एक बार में तीन हजार डोज खरीदने की बाध्यता के चलते निजी अस्पताल संचालकों ने हाथ खड़े कर दिए हैं।
राज्य प्रतिरक्षण अधिकारी डा. कुलदीप मर्तोलिया का कहना है कि प्रदेश में तमाम लोग ऐसे हैं, जो कोरोनारोधी वैक्सीन का निर्धारित शुल्क 386.25 रुपये वहन नहीं कर सकते हैं। वहीं पर्वतीय क्षेत्रों में तमाम जगह निजी अस्पताल नहीं हैं। ऐसे में राज्य की भौगोलिक परिस्थिति और आर्थिक स्थिति को देखते हुए भारत सरकार से वैक्सीन (Corona vaccine booster dose) मुफ्त करने की मांग की गई है। इसके लिए पत्र भेज दिया गया है। पत्र का जवाब आते ही आगे की कार्यवाही की जाएगी।
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