न्यूज जंक्शन 24, नई दिल्ली। पिछले महीने सीडीएस जनरल बिपिन रावत समेत 13 सैन्य अधिकारियों की हेलीकॉप्टर हादसे में मौत (CDS Bipin Rawat Death) की जांच पूरी हो गई है। इस मामले में गठित वायुसेना की कमेटी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को रिपोर्ट सौंप दी है। रिपोर्ट में हादसे को लेकर कई महत्वपूर्ण तथ्य व सिफारिशें की गई हैं। इसका विस्तृत प्रजेंटेशन भी रक्षा मंत्री को दिया गया। इसमें हादसे के कारणों पर भी विस्तार से जानकारी दी गई।
आठ दिसंबर को हुए हादसे में देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत समेत 13 सैन्य अधिकारियों की मौत (CDS Bipin Rawat Death) हो गई थी। तमिलनाडु के कन्नूर के समीप हुए इस हादसे की जांच तीनों सेना की संयुक्त समिति ने की थी। जांच रिपोर्ट में दुर्घटना के कारणों को लेकर समिति ने अपने नतीजों से राजनाथ सिंह को अवगत कराया है। इसमें वीआईपी उड़ान के लिए भविष्य के हेलिकॉप्टर संचालन के लिए सिफारिशें भी की हैं।
भारतीय वायु सेना के अधिकारी एयर मार्शल मानवेंद्र सिंह की अध्यक्षता वाली ट्राई-सर्विस जांच समिति ने हादसे (CDS Bipin Rawat Death) की जांच की। भारतीय नौसेना के एक वरिष्ठ हेलिकॉप्टर पायलट दुर्घटना की जांच का हिस्सा थे और उन्होंने जांच में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। जांच समिति ने रक्षा बलों के वरिष्ठ अधिकारियों को ले जाने वाले हेलिकॉप्टरों के संचालन के दौरान मानक संचालन प्रक्रियाओं को संशोधित करने के लिए कुछ सिफारिशें भी की हैं।
इस कारण हुआ था हादसा
दुर्घटना के विवरण को लेकर सूत्रों ने कहा कि सैन्य हेलीकॉप्टर Mi-17V5 पहाड़ियों में एक रेलवे लाइन के पास उड़ रहा था, तभी वह अचानक उभरे घने बादल में घुस गया। हेलिकॉप्टर कम ऊंचाई पर उड़ रहा था और इलाके को जानने के बाद यह जानकारी सामने आ रही है कि इसके बावजूद चालक दल ने विमान उतारने का फैसला नहीं किया। ऐसे में विमान एक चट्टान से टकरा गया और दुर्घटनाग्रस्त (CDS Bipin Rawat Death) हो गया।
सूत्रों के अनुसार चूंकि पूरा दल ‘मास्टर ग्रीन’ श्रेणी का था, ऐसा लगता है कि उन्हें भरोसा था कि वे स्थिति से बाहर निकलने में सक्षम होंगे, क्योंकि आपात स्थिति का सुझाव देने के लिए ग्राउंड स्टेशनों पर कोई कॉल नहीं किया गया। सूत्रों ने कहा कि तीन बलों के परिवहन विमान और हेलीकॉप्टर बेड़े में सर्वश्रेष्ठ पायलटों को ‘मास्टर ग्रीन’ श्रेणी दी जाती है। इन पायलटों को कम दृश्यता में विमान उड़ाने और उतारने में महारत हासिल होती है।
इसके अलावा, जांच समिति द्वारा की गई सिफारिशों में कहा गया है कि भविष्य में, चालक दल में मास्टर ग्रीन और अन्य श्रेणी के पायलट होने चाहिए, ताकि यदि आवश्यक हो, तो वे जमीन पर स्टेशन से मदद ले सकें। एयर मार्शल एम सिंह की अध्यक्षता वाली जांच समिति ने कई अन्य सिफारिशें भी की हैं।
ऐसे ही लेटेस्ट व रोचक खबरें तुरंत अपने फोन पर पाने के लिए हमसे जुड़ें
हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिए यहां क्लिक करें।
हमारे यूट्यब चैनल से जुड़ने के लिए यहां क्लिक करें।
हमारे टेलीग्राम ग्रुप से जुड़ने के लिए क्लिक करें।



Subscribe Our Channel










