न्यूज जंक्शन 24, नई दिल्ली। कंगना रनौत (Kangana Ranaut) अपने बयान को लेकर फिर से सुर्खियों में हैं। पिछले दिनों उन्होंने एक ऐसा बयान दे दिया, जिसके बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने और देश के कई नेताओं ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया।
कंगना (Kangana Ranaut)के खिलाफ देश के कई हिस्सों में शिकायत दर्ज हो गई तो कुछ लोगों ने तो उनसे पद्मश्री सम्मान वापस लिए जाने की भी मांग कर डाली। देश को वर्ष 1947 में मिली आजादी को ‘भीख’ बताकर विवादों में घिरीं ‘पंगा गर्ल’ कंगना रनौत ने एक बार फिर से इस मामले पर अपनी बात रखी है। कंगना (Kangana Ranaut) पद्मश्री सम्मान वापस करने के लिए तैयार हैं, लेकिन इसके लिए उन्होंने एक शर्त रखी है।
कंगना रनौत (Kangana Ranaut) ने पिछले दिनों एक टीवी कार्यक्रम में कहा था, ‘सावरकर, रानी लक्ष्मीबाई और नेताजी सुभाषचंद्र बोस इन लोगों की बात करूं तो ये लोग जानते थे कि खून बहेगा, लेकिन ये भी याद रहे कि हिंदुस्तानी-हिंदुस्तानी का खून नहीं बहाए। उन्होंने आजादी की कीमत चुकाई, पर 1947 में जो मिली वो आजादी नहीं थी, वो भीख थी और जो आजादी मिली है वो 2014 में मिली जब नरेंद्र मोदी की अगुआई में बीजेपी की सरकार सत्ता में आई।’ कंगना के इस बयान को लेकर तब से ही खूब हंगाना मचा हुआ है।
अपने इस बयान पर कंगना (Kangana Ranaut) ने कहा कि अगर उनकी कही बातों को गलत साबित कर दिया जाता है तो वह माफी के साथ पद्मश्री सम्मान को भी वापस करने के लिए तैयार है। उन्होंने अपनी इंस्टा स्टोरी पर लिखा है, ‘इस इंटरव्यू में सारी बातें साफ तौर पर कही गई थीं कि 1857 में आजादी के लिए पहली संगठित लड़ाई लड़ी गई… साथ में सुभाष चंद्र बोस, रानी लक्ष्मीबाई और वीर सावरकर जी के बलिदान पर भी बात की गई। साल 1857 का मुझे पता है लेकिन 1947 में कौन सी लड़ाई लड़ी गई, इस बात की मुझे बिलकुल भी जानकारी नहीं है। अगर कोई मेरी इस बात पर जानकारी बढ़ाए तो मैं अपना पद्मश्री अवॉर्ड वापस कर माफी मांग लूंगी… कृपया मेरी मदद करें।’
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