न्यूज जंक्शन 24, नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खरगे को बुधवार को पार्टी का अध्यक्ष चुना गया। उन्हें ऐसे समय पर पार्टी की कमान मिली जब कांग्रेस 137 साल के अपने इतिहास में अब तक के सबसे मुश्किल और चुनौतीपूर्ण दौर में है। करीब 24 साल बाद गांधी परिवार के बाहर का कोई नेता देश की सबसे पुरानी पार्टी का अध्यक्ष बना है। खरगे सोनिया गांधी का स्थान ग्रहण करने जा रहे हैं जिन्होंने करीब दो दशक तक कांग्रेस का नेतृत्व किया। खरगे ने अपने प्रतिद्वंद्वी शशि थरूर को 6,825 मतों के अंतर से पराजित किया।
किसको-कितने वोट मिले
खरगे को 7,897 वोट मिले तथा थरूर को 1,072 वोट हासिल हुए। कांग्रेस के केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण के प्रमुख मधुसूदन मिस्त्री ने बताया कि चुनाव में 9,385 वोट पड़े थे और इनमें से 416 वोट अवैध करार दिए गए। उन्होंने खरगे को जीत का प्रमाणपत्र सौंपा। दलित समुदाय से ताल्लुक रखने वाले 80 वर्षीय खरगे 26 अक्टूबर को अध्यक्ष पद का पदभार संभालेंगे।
पार्टी में कोई बड़ा या छोटा नहीं
जीत के बाद खरगे ने कहा कि पार्टी में कोई भी बड़ा या छोटा नहीं है तथा वह संगठन को मजबूत बनाने के लिए कांग्रेस के एक सच्चे सैनिक के तौर पर काम करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि उनके लिए कांग्रेस का हर कार्यकर्ता समान है एवं लोकतंत्र और संविधान को खतरे में डालने वाली फासीवादी ताकतों से लड़ने के लिए सभी को एकजुट होकर काम करना होगा।
थरूर ने हार स्वीकारी
थरूर ने चुनाव नतीजों की आधिकारिक घोषणा से पहले ही अपनी हार स्वीकार कर ली और खरगे को बधाई दी। उन्होंने यह भी कहा कि वह विरोध के नहीं, बदलाव के उम्मीदवार थे। खरगे की जीत की आधिकारिक घोषणा के कुछ देर बाद पार्टी की निवर्तमान अध्यक्ष सोनिया गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा उनके आवास पहुंचीं और उन्हें बधाई दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और कई अन्य नेताओं ने भी खरगे को बधाई दी।
मोदी ने ट्वीट कर दी बधाई
मोदी ने एक ट्वीट में कहा, कांग्रेस अध्यक्ष की नयी भूमिका के लिए मल्लिकार्जुन खरगे जी को मेरी शुभकामनाएं। आगे उनका कार्यकाल सार्थक रहे। राहुल गांधी ने ट्वीट किया, मल्लिकार्जुन खरगे को कांग्रेस अध्यक्ष निर्वाचित होने पर बधाई। कांग्रेस अध्यक्ष भारत के लोकतांत्रिक दृष्टिकोण का प्रतिनिधित्व करता है। उन्होंने कहा, इस ऐतिहासिक जिम्मेदारी को संभालने जा रहे खरगे का व्यापक अनुभव और वैचारिक प्रतिबद्धता पार्टी के बहुत काम आएगी।
खरगे के बारे में
दलित समुदाय से ताल्लुक रखने वाले खरगे मूल रूप से कर्नाटक के रहने वाले हैं। वह पिछले पांच दशकों से सक्रिय राजनीति में हैं और उन्हें गांधी परिवार का विश्वासपात्र माना जाता है। अपनी शुरुआती जिंदगी में बहुत ही गरीबी और संघर्ष का सामना करने वाले खरगे को कांग्रेस अध्यक्ष पद के रूप में सबसे चुनौतीपूर्ण जिम्मेदारी मिली है। उनके सामने पहली बड़ी चुनौती गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव हैं। हिमाचल प्रदेश में अगले महीने चुनाव है तो गुजरात में भी नवंबर के आखिर या फिर दिसंबर की शुरुआत में चुनाव होने की संभावना है।
24 साल बाद कांग्रेस में कोई नेता बना अध्यक्ष
करीब 24 साल बाद गांधी परिवार के बाहर का कोई नेता देश की सबसे पुरानी पार्टी का अध्यक्ष बना है। खरगे से पहले सीताराम केसरी 1997 में कांग्रेस अध्यक्ष बने थे और लगभग एक वर्ष तक तक पद पर रहे। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और कई अन्य वरिष्ठ नेताओं समेत करीब 9385 डेलीगेट (निर्वाचक मंडल के सदस्यों) ने पार्टी के नए अध्यक्ष के लिए सोमवार को हुए चुनाव में मतदान किया था। पार्टी मुख्यालय में मतगणना बुधवार को सुबह निर्धारित समय 10 बजे के कुछ देर बाद 10.20 बजे आरंभ हुई थी। इस मौके पर अध्यक्ष पद के उम्मीदवार शशि थरूर के प्रस्तावक सांसद कार्ति चिदंबरम और कुछ अन्य चुनावी एजेंट मौजूद थे। खरगे की तरफ से सांसद सैयद नासिर हुसैन और कुछ अन्य नेता मौजूद थे।