बरेली। दस साल पहले 58 साल के मियां की बीवी अल्लाह को प्यारी हो गई। चार बच्चों के होते हुए भी खुद को मियां अकेले समझने लगे। अकेलापन भारी पड़ने लगा तो उन्होंने रिश्तेदार को बोलकर शादी के लिए लड़की की तलाश शुरू की। रिश्तेदार ने 35 वर्षीय विधवा महिला को ढूंढकर मियां को बताया। मियां ने फौरन हां कर दी। गुरुवार को झट मंगनी पट निकाह कर नई दुल्हन को लेकर मियां घर पहुंचे तो दोनों को देखने पूरा गांव उमड़ पड़ा।
मामला नवाबगंज तहसील के हाफिजगंज गांव का है। यहां रहने वाले एक मिस्त्री की पत्नी की दस वर्ष पूर्व बीमारी से मौत हो गई थी। पहली पत्नी से उन्हें दो बेटे और बेटियां हैं। बुजुर्ग ने इन दस सालों में चारों बच्चों का निकाह कर दिया। अब उनका नाती-पोतों से भरा-पूरा परिवार है। सभी अपनी जिंदगी में खुश हैं। इधर, 58 वर्षीय बुजुर्ग अकेलेपन का शिकार हो रहे थे। उन्हें अपने जीवन में जीवनसंगिनी की कमी खल रही थी। बुजुर्ग ने अपने रिश्तेदार के माध्यम से जीवनसंगिनी की तलाश शुरू की।
कुछ दिन में ही उनके रिश्तेदार ने 35 वर्षीय विधवा महिला का रिश्ता बताया। विधवा के पति की मार्ग दुर्घटना में 15 साल पूर्व मौत हो गई थी तब से वह भी अकेले ही जीवनयापन कर रही थी। गरीबी के कारण विधवा का घर चलाना मुश्किल था। विधवा का 11 व सात साल का बच्चा भी है। वह किसी तरह मेहनत-मजदूरी कर घर चला रही थी। निकाह का प्रस्ताव पहुंचा तो दोनों ओर के कुछ लोगों ने मध्यस्थता कर बात पक्की कर ली।
विधवा के दोनों बच्चों को भी बुजुर्ग ने अपना लिया। उनकी पढ़ाई और शादी का खर्च भी बुजुर्ग ही करेंगे। गुरुवार को एक सादे समारोह में 58 वर्षीय बुजुर्ग अपनी 35 वर्षीय दुल्हन से निकाह कर गांव ले आए। गांव में जैसे ही दुल्हन आई तो बुजुर्ग के घर के आसपास मजमा लग गया। इस दौरान तरह-तरह की प्रतिक्रिया भी हुई। किसी ने उनके इस कदम की सराहना की तो किसी ने उनके बुढ़ापे में विवाह करने का तंज कसा। फिलहाल, यह निकाह लोगों के बीच चर्चा का विषय बना रहा।