न्यूज जंक्शन 24, देहरादून ।
प्रदेश भाजपा में अब बगावत के सुर तेज हो गए हैं। एक दर्जन से अधिक विधायकों ने नई दिल्ली में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की और उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के खिलाफ तमाम सबूत पेश किए। साथी साफ कह दिया कि अगला चुनाव त्रिवेंद्र रावत के नेतृत्व में लड़ पाना बहुत मुश्किल होगा, अगर लड़ भी गए तो जीतना मुश्किल होगा। नड्डा ने विधायकों से अनुशासित रहकर पार्टी के काम में लगने को कहा और भरोसा दिया कि वे इन सभी मामले पर संबंधित नेताओं से वार्ता करेंगे, समस्याओं का समाधान हर हाल में खोजा जाएगा। मिलने वाले विधायकों ने यह नहीं बताया है कि किससे मिले, पर इतना जरूर कहा कि सक्षम नेतृत्व जल्द ही कदम उठाएगा।
प्रदेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे पर साढ़े तीन साल पहले विधानसभा का चुनाव लड़ा गया था। प्रदेश की जनता ने जबरदस्त समर्थन देकर भाजपा को सत्तारूढ़ किया। बाद में केंद्रीय नेतृत्व ने पूर्व मंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को मुख्यमंत्री बना दिया। साढ़े तीन साल तक सब कुछ सामान्य चलता रहा, मगर अब जब डेढ़ साल चुनाव को रह गए हैं, भाजपा में एकाएक विरोध की चिंगारी सामने आ गई। पार्टी के कुछ वरिष्ठ सूत्रों की माने तो विधायक और कार्यकर्ता इस बात से बहुत नाराज हैं कि उनकी अधिकारियों में सुनवाई नहीं हो रही है। जिलाधिकारी व एसएसपी जैसे अधिकारी तक विधायकों को नहीं गठान रहे। उसकी वजह मुख्यमंत्री का उक्त अधिकारियों पर सीधा संरक्षण और विधायकों को महत्व न देकर इन्हीं अधिकारियों से फीडबैक लेना माना जा रहा है। असंतुष्टों की अगुवाई कर रहे डीडीहाट से चार बार के भाजपा विधायक व पूर्व मंत्री रहे बिशन सिंह चुफाल व लोहाघाट के विधायक पूरन सिंह फर्त्याल का कहना है कि करीब एक दर्जन विधायकों ने सक्षम जगह अपनी बात रखी है और बता दिया है कि वर्तमान हालात में चुनाव जीत पाना बहुत मुश्किल होगा। फर्त्याल ने तो वह सारी रिपोर्ट सौंप दी है, जिसमें उनके क्षेत्रों में किस हद तक भेदभाव किया जा रहा है। हाईकमान ने जल्दी मुख्यमंत्री को दिल्ली बुलाकर बात करने का भरोसा दिया है।