न्यूज जंक्शन 24, देहरादून। पेशे से प्रोफेसर, मगर काम है चोरी करना। उत्तराखंड के श्रीनगर राजकीय मेडिकल कॉलेज में ऐसे ही एक प्रोफेसर साहब (Mobile Thief Professor) अपना धंधा चमका रहे हैं। इस बात का खुलासा हुआ, एक छात्र का माेबाइल चोरी होने के बाद।
छात्र की शिकायत पर जब पुलिस ने कॉलेज की सीसीटीवी फुटेज खंगाली तो प्रोफेसर साहब (Mobile Thief Professor) का कारनामा सामने आ गया। मगर कॉलेज प्रशासन और पुलिस को हैरान होना बाकी था। पुलिस ने जब उनके कमरे की तलाशी ली तो वहां एक, दो नहीं, पूरे 30 मोबाइल फोन बरामद हुए और वो भी सभी चोरी के। प्रोफेसर (Mobile Thief Professor) पर अन्य आरोप भी हैं। अब कॉलेज प्रशासन ने सभी आरोपों की जांच के लिए कमेटी बैठा दी है।
छात्र का फोन फार्मेट कर दिया गया था। इससे जाहिर होता है कि फोन भूलवश नहीं उठाया गया। उक्त प्रोफेसर पर क्लास में न पढ़ाने व फोन पर अनावश्यक मैसेज भेजने के भी आरोप हैं। पूरे मामलों की जांच के लिए कमेटी गठित की गई है।
– प्रो. सीएम रावत, प्राचार्य मेडिकल कॉलेज श्रीनगर
15 दिसंबर को मेडिकल कॉलेज में परीक्षा थी। जो छात्र मोबाइल लाए थे, उनके फोन कक्ष निरीक्षकों ने जमा करवा दिए। परीक्षा खत्म होने के बाद एक छात्र का फोन नहीं मिला। इससे एनोटॉमी विभागाध्यक्ष प्रो. अनिल द्विवेदी सकते में आ गए। उन्होंने सीसीटीवी की रिकॉर्डिंग खंगाली तो वह दंग रह गए। कॉलेज के एक सीनियर प्रोफेसर (Mobile Thief Professor) जो 10 साल से कार्यरत हैं, वह फोन ले जाते दिखे।
प्रो. द्विवेदी ने यह प्रकरण प्राचार्य प्रो. सीएम रावत के समक्ष रखा। इस पर प्राचार्य संस्थान के अधिकारियों के साथ संबंधित प्रोफेसर के कमरे में पहुंचे। यहां उन्होंने फोन के बारे में पूछा, तो वह साफ मुकर गए। उन्हें बताया गया कि वह कैमरे में दिखाई दे रहे हैं तो भी नहीं माने। इसके बाद तलाशी ली गई तो वहां से लगभग 30 फोन मिले। पूछने पर उन्होंने बताया कि सारे फोन उनके हैं। फोन की पहचान के लिए छात्र बुलाया गया तो उसने अपना फोन पहचान लिया।
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