देहरादून। अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद वहां के हालात बदतर हो गए हैं। एेसे में वहां कई देशों के लोग फंस गए है, जो अब वहां से निकलकर अपने देश पहुंचना चाहते हैं, मगर तालिबानी आंतकियों की धमकी के आगे कोई भी शख्स घर से बाहर नहीं निकल पा रहा है। इनमें भारत के भी कई लोग हैं और इन भारतीयों में कई उत्तराखंडी भी हैं। इन लोगों ने एक वीडियो बनाकर भारत सरकार से मदद मांगी है। जिस पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने संज्ञान लिया है और इनके परिजनों से फोन पर बात कर जानकारी जुटाई है और विदेश मंत्रालय से इन सभी को वापस स्वदेश लाने के लिए मदद मांगी है।
वीडियो में बताया गया है कि काबुल में उत्तराखंड के 90 से ज्यादा लोग फंसे हुए हैं। इन लोगों ने 17 अगस्त को वीडियो बनाकर भारत सरकार से मदद की गुहार लगाई थी। बताया जा रहा है कि देहरादून का एजेंट उत्तराखंड के कई लोगों को अफगानिस्तान काम के लिए ले गया था। वहां जब हालात खराब हुए तो एजेंट अपने साथियों को छोड़कर भाग आया। इनमें अधिकांश लोग सिक्योरिटी एजेंसी से जुडे़ हुए हैं। एजेंट देहरादून के प्रेमनगर का रहने वाला है, जिसका नाम अरविंद कुमार खड़का है। अरविंद कुमार अफगानिस्तान में सलाउद्दीन सिक्योरिटी जैसी कई कंपनियों का एजेंट है। वह इन कंपनियों के लिए भारत से कर्मचारी उपलब्ध करवाता है। लेकिन जैसे ही अफगानिस्तान में हालत बिगड़े, अरविंद वहां से भागकर भारत आ गया। अरविंद करीब एक हफ्ता पहले ही अफगानिस्तान से निकल गया था। बताया जा रहा है कि वह फिलहाल दिल्ली में है।
इसकी जानकारी जब वीडियो के जरिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी तक पहुंची तो सीएम कार्यालय ने काबुल में फंसे लोगों के परिजनों से संपर्क किया और हर संभव मदद का भरोसा दिया। परिजनों ने मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारियों से कहा कि वो उनका संपर्क विदेश मंत्रालय के अधिकारियों से कर दें, ताकि वे दिल्ली में स्थिति अफगान दूतावास को अपने परिजनों के बारे में जानकारी दे सकें। इस पर मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ से परिजनों से तीन से चार घंटे का समय मांगा गया है।
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