रामनगर के सीतावनी क्षेत्र में घूम रही नाककटी बाघिन, पर्यटकों के लिए बनी हुई है आकर्षण, जानिए क्यों पड़ा ये नाम

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रामनगर। रामनगर का कॉर्बेट नेशनल पार्क बाघों के लिए जग प्रसिद्ध है। यहां के अलग-अलग रेंजों में बाघों को देखने के लिए दुनियाभर से पर्यटक पहुंचते हैं, मगर इस समय यहां एक अलग ही बाघिन लोगों का ध्यान खींच रही है। रामनगर वन प्रभाग के अंतर्गत सीतावनी क्षेत्र में घूम रही इस बाघिन की नाक और कान कटी हुई है। लोग इसे नककटी, कनकटी बाघिन के नाम से जानते हैं।

रामनगर वन प्रभाग के डीएफओ चंद्रशेखर जोशी ने बताया कि सीतावनी क्षेत्र में एक बाघिन 2018 में आपसी संघर्ष में घायल हो गई थी, जिसमें उसकी नाक, कान व आंख के बाहरी हिस्से में चोट लगी थी। यह चोट अब पूरी तरह ठीक हो चुकी है, लेकिन चोट के निशान अब तक रह गए हैं। इस वजह से बाघिन की पहचान ही नककटी, कनकटी के नाम से हो गई है। उसने कुछ समय पहले तीन शावकों को भी जन्म दिया है, मगर वन विभाग के मुताबिक बाघिन अपने तीनों शावकों को अपने से अलग कर छोड़ चुकी है। शावकों ने भी जंगल में अपना क्षेत्र तय कर लिया है। अब बाघिन अकेले पाटकोट मार्ग पर कभी सुबह तो कभी शाम या रात को भी लोगों को दिख जाती है। वह पर्यटकों की जिप्सियों व कारों के आगे मंडराती रहती है। लोग भी आराम से उसकी वीडियो व फोटो मोबाइल में कैद करते हैं।

सीतावनी क्षेत्र में बाघिन के आंख के बाहरी हिस्से में चोट लगी थी। बाघिन को फिलहाल कोई समस्या नहीं है।

चंद्रशेखर जोशी, डीएफओ रामनगर वन प्रभाग

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