उत्तराखंड में एक बार फिर प्रकृति ने कहर बरपाया है। कुमाऊं से लेकर गढ़वाल तक भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन ने हालात बेहद चिंताजनक बना दिए हैं। पिछले 24 घंटों से हो रही मूसलधार बारिश ने प्रदेश के कई हिस्सों को बुरी तरह प्रभावित किया है। देहरादून, ऋषिकेश, हरिद्वार और मसूरी सहित तराई और पर्वतीय क्षेत्रों में आपदा जैसे हालात बन गए हैं।
देहरादून के टपकेश्वर मंदिर के नीचे बहने वाली तमसा नदी उफान पर है, जिससे मंदिर पर बना पुल पूरी तरह बह गया। मालदेवता क्षेत्र में तेज बहाव के चलते कई दुकानें जलप्रवाह में बह गईं।
सहस्त्रधारा रोड पर स्थित ऋषि नगर पुल को भी भारी नुकसान हुआ है। सड़क का एक बड़ा हिस्सा ढह गया है। रिस्पना नदी के उफान से किनारे पर बना एक मकान, मछली दुकान और ऑटो सर्विस सेंटर की चार मोटरसाइकिलें बह गईं। एक ट्रांसफार्मर भी गिर गया है। एहतियातन पुल से यातायात पूरी तरह बंद कर दिया गया है।
ऋषिकेश में चंद्रभागा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है। तेज बहाव में कई वाहन बह गए हैं। ऋषिकेश-बदरीनाथ नेशनल हाईवे कई स्थानों पर बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है और सड़क का बड़ा हिस्सा बह चुका है, जिससे यातायात पूरी तरह ठप है।
मसूरी में सोमवार देर रात से हो रही भारी बारिश से आपदा जैसे हालात बन गए हैं। झड़ीपानी शॉर्टकट रोड पर एक मकान में मलबा घुसने से दो नेपाली मूल के लोग दब गए। इसमें 41 वर्षीय राम बहादुर की मौके पर मौत हो गई, जबकि 40 वर्षीय अर्जुन गंभीर रूप से घायल हुआ है।
मसूरी-देहरादून मार्ग पर कोलू खेत और गलोगी पावर हाउस के पास सड़कें धंस गई हैं। कई जगह मलबा जमा होने और सड़कों में दरारें पड़ने से रास्ता पूरी तरह बंद कर दिया गया है। प्रशासन ने लोगों से घरों में ही रहने की अपील की है।
देहरादून-हरिद्वार नेशनल हाईवे का डोईवाला और नेपाल फार्म के बीच का हिस्सा बारिश के कारण बह गया है। हाईवे का एक बड़ा भाग धंस गया है और ट्रैफिक को तुरंत डायवर्ट कर दिया गया है।
पिथौरागढ़ जिले के डीडीहाट क्षेत्र के लोहार गांव में रविवार को अचानक पहाड़ी खिसक गई, जिससे एक आवासीय मकान मलबे में दब गया। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, एक महिला और उसके पालतू जानवर दब गए हैं। मौके पर पुलिस, फायर ब्रिगेड, एसडीआरएफ और अन्य एजेंसियां राहत कार्यों में जुटी हैं।
राज्य के अधिकांश हिस्सों में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन की टीमें राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। मौसम विभाग पहले ही कई जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी कर चुका था, लेकिन आपदा की भयावहता ने सभी को चौंका दिया है।



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