लखनऊ : कोरोना संक्रमण काल ने सरकारी व्यवस्थाओं में खामियों को भी उजागर कर दिया है। सबसे ज्यादा स्वास्थ्य के क्षेत्र में फजीहत झेलनी पड़ी है। अस्पतालों में मरीजों की देखरेख से लेकर तकनीकी स्टाफ की भारी कमी महसूस की गई। ऐसे में अलर्ट हुई उत्तर प्रदेश सरकार अब इस कमी को दूर करने में जुटी है। उत्तर प्रदेश सरकार अस्पतालों में हेल्थ स्टाफ की कमी को दूर करने के लिए अब राज्य की आईटीआई में भी midical की शिक्षा देने जा रही है। इसके लिए खाका तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। इससे छात्रों में भी आईटीआई प्रशिक्षण के प्रति उत्साह बढेगा।
इन ट्रेड्रों में मिलेगा प्रशिक्षण
इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन
बेसिक- जनरल ड्यूटी असिस्टेंट
एडवांस क्रिटिकल केयर
होम हेल्थ एड
मेडिकल एक्वीमेंट टेक्नोलॉजी असिस्टेंट
फ्लेबोटोमिस्ट
निदेशक प्रशिक्षण एवं सेवायोजन कुणाल शिल्कू ने बताया कि व्यावसायिक शिक्षा राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार कपिल देव अग्रवाल के निर्देश पर छह ट्रेडों में आनलाइन प्रशिक्षण दिया जाएगा। लखनऊ मंडल के संयुक्त निदेशक एससी तिवारी को प्रशिक्षण का खाका तैयार करने का निर्देश दिया गया है। आपदाकाल में प्रशिक्षण प्राप्त तकनीशियन चिकित्सालयों में सेवा करके लोगों के इलाज मुहैया कराने में मदद करेंगे।
आइटीआइ की प्रवेश प्रक्रिया
कोरोना संक्रमण काल का असर आइटीआइ प्रवेश पर भी पड़ा है। जून के प्रथम सप्ताह से शुरू होने वाली प्रवेश प्रकिया अब हाईस्कूल में प्रमोट किए गए विद्यार्थियों के परिणाम के बाद शुरू हाेगी। हाईस्कूल की मेरिट के आधार पर आइटीआइ में प्रवेश होता है। अंकपत्र में प्रमोट लिखा होगा तो मेरिट कैसे बनेगी? इसे लेकर भी मंथन चल रहा है। 67 ट्रेडों में प्रदेश की 305 सरकारी आइटीआइ में 1,20575 और 2939 निजी आइटीआइ में 3,71732 विद्यार्थियों का प्रवेश हर साल होता है।