न्यूज जंक्शन 24, नई दिल्ली। देश में कोरोना संक्रमण के मामले बेकाबू रफ्तार से बढ़ रहे हैं। इस बीच कोरोना टेस्टिंग को लेकर आईसीएमआर ने एक बड़ा बयान दिया है। आईसीएमआर ने कहा कि किसी भी व्यक्ति को कोरोना मरीज के संपर्क में आने के बाद तब तक कोविड टेस्ट की जरूर नहीं है, जब तक वह व्यक्ति की पहचान हाई रिस्क वाले व्यक्ति के तौर पर न हो।
आईसीएमआर ने कहा कि यहां ज्यादा ज्यादा जोखिम से मतलब व्यक्ति की ज्यादा उम्र या फिर किसी बड़ी बीमारी के शिकार लोगों से है। आईसीएमआर ने कोविड टेस्टिंग (ICMR COVID Testing advisory) को लेकर सोमवार को एक नई एडवाइजरी जारी की है। आईसीएमआर ने कहा कि संक्रमण की चपेट में आए मरीजों के संपर्क में आने वाले सभी लोगों को घबरा कर कोरोना टेस्टिंग की जरूरत नहीं है। संक्रमित लोगों को संपर्क में आने वाले उन लोगों को ही कोविड टेस्टिंग की सलाह दी गई है, जिनकी या तो उम्र ज्यादा है या फिर जो लोग गंभीर रूप से बीमारी से पीड़ित है।
आईसीएमआर ने कहा कि सामुदायिक स्थानों पर रहे बिना लक्षण वाले लोग, कोरोना संक्रमित लोगों के संपर्क में आने वाले लोग जब तक कि वे ज्यादा जोखिम वालों की लिस्ट में न हों या फिर गंभीर बीमारी से ग्रसित न हो। ऐसे लोग जो होम आइसोलेशन के नियम के आधार पर डिस्चार्ज हुए हो या फिर ऐसे व्यक्ति जो हॉस्पिटल से डिस्चार्ज नियमों के आधार पर कोविड केंद्र से छुट्टी पा चुके हों ऐसे लोग जो एक राज्य से दूसरे राज्य में यात्रा कर रहे हों उन्हें भी कोविड टेस्टिंग की जरूरत नहीं हैं।
आईसीएमआर ने कहा है कि जांच या तो आरटी-पीसीआर, ट्रूनेट, सीबीएनएएटी, सीआरआईएसपीआर, आरटी-एलएएमपी, रैपिड मॉलिक्यूलर टेस्टिंग सिस्टम्स या रैपिड एंटीजन टेस्ट (आरएटी) के जरिए की जा सकती है।
आईसीएमआर ने ये भी कहा है कि प्वाइंट आफ केयर टेस्ट (घर या स्व-जांच या आरएटी) और मॉल्युकर टेस्ट में एक पॉजिटिव को जांच दोहराए बिना संक्रमित माना जाना चाहिए। इसमें कहा गया है कि लक्षण वाले व्यक्तियों जिनकी घर या स्व जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है, उन्हें आरटी-पीसीआर जांच करानी चाहिए।
ऐसे ही लेटेस्ट व रोचक खबरें तुरंत अपने फोन पर पाने के लिए हमसे जुड़ें
हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिए यहां क्लिक करें।
हमारे यूट्यब चैनल से जुड़ने के लिए यहां क्लिक करें।
हमारे टेलीग्राम ग्रुप से जुड़ने के लिए क्लिक करें।
हमारे फेसबुक ग्रुप से जुड़ने के लिए क्लिक करें।