लुधियाना : अभी किसान आंदोलन के चलते महीनों बंद रहा दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग पूरी तरह साफ भी नहीं हो सका था कि अव लुधियाना-दिल्ली नेशनल हाईवे पर टैैंट लगाकर उसे बंद कर दिया। नियमित करने की मांग पर धरना दे रहे अनुबंधित कर्मचारियों ने लुधियाना-दिल्ली नेशनल हाईवे पर शुक्रवार रात करीब 12 बजे टेंट लगाकर ट्रैफिक पूरी तरह ठप कर दिया। अचानक हाईवे बंद कर देने से दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। अनुबंधित कर्मचारी सुबह से यहां धरना दे रहे थे। पुलिस ने ट्रैफिक डायवर्ट कर दिनभर जैसे-तैसे वाहनों को आगे बढ़ाया, लेकिन रात को कर्मचारी टेंट व बिस्तर लगाकर नेशनल हाईवे पर ही बैठ गए। हैरान करने वाली बात यह रही कि कर्मचारियों के साथ यहां उनके परिवार के सदस्य भी बैठे थे। यानी पूरी तरह किसान आंदोलन की तरह ही यह जाम लगाया गया है।
देर रात जाम खुलवाने पहुंचे डीएसपी राजन ने बताया कि कर्मचारियों को समझाने की कोशिश की गई, लेकिन वह नहीं माने। कर्मचारी मोर्चा के सदस्य ने कहा कि हम विभागों के निजीकरण को रोकने, कर्मचारियों को नियमित करने और बराबर काम-बराबर वेतन का नियम लागू करने की मांग पर कई दिनों से धरना दे रहे हैं, लेकिन पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी हमसे बात करने तक नहीं पहुंचे।
उधर, देर रात तक जाम में फंसे लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। लोग इंटरनेट मीडिया पर संदेश देकर कर पुलिस व अपने रिश्तेदारों से मदद मांगते रहे। कड़ाके की ठंड में जाम में फंसे बच्चों और बुजुर्गों को काफी दिक्कतें उठानी पड़ीं। एक इंटरनेट यूजर ने फेसबुक पर करारा कटाक्ष करते हुए लिखा भी है कि नेता घरों में सो रहे हैैं, लोग हाईवे जाम कर रहे हैैं और परेशान जनता को होना पड़ रहा है। आखिर इसमें जनता का दोष क्या है ? लुधियाना कार से अकेली जा रही एक लड़की तो इस घटनाक्रम से इतनी घबरा गई कि फोन करके परिजनों को रोने लगी। उसके परिवार के सदस्य उसे लेने बाइक पर पहुंचे और उसे काफी देर सांत्वना दी तब जाकर वह सामान्य हो सकी।