न्यूज जंक्शन 24, देहरादून। दोस्त से उधार लिए एक लाख रुपये नहीं लौटा पाने से परेशान एक युवक सोमवार को अपनी किडनी बेचने के लिए जिला अस्पताल पहुंच गया। युवक की बात सुनकर अस्पताल कर्मचारियों के होश उड़ गए। कर्मचारियों ने उसे समझाया कि शरीर के अंगों की खरीद- फरोख्त अपराध है। इसके बाद युवक को अस्पताल से वापस भेजा गया।
मामला हरिद्वार का है। एक युवक सोमवार को जिला अस्पताल परिसर पहुंचा और एक कर्मचारी को बताया कि वह अपनी किडनी बेचना चाहता है। कर्मचारी ने उसे सीएमएस के स्टाफ कार्यालय में भेज दिया। वहां मौजूद कर्मचारियों को युवक ने बताया कि वह किडनी बेचना चाहता है। कुछ देर के लिए कर्मचारी समझ ही नहीं पाए। कर्मचारियों ने जब उससे बातचीत की तो उसने बताया कि वह नैनीताल जिले के देवीधुरा का रहने वाला है। हरिद्वार सिडकुल की एक कंपनी में काम करता है। एक वर्ष पहले पिथौरागढ़ निवासी दोस्त से एक लाख रुपये उधार लिए थे जो अब तक नहीं चुकाए हैं।
उसने बताया कि दोस्त रुपये मांग रहा है लेकिन उसके पास लौटाने इतनी जमा पूंजी नहीं है। अपनी किडनी बेचकर कर्ज चुकाना चाहता है। युवक ने बताया कि फैक्टरी में उसे 16 हजार रुपये मिलते हैं। किराया और अपने खर्चे पूरे नहीं हो पाते हैं। घर में पिता बेरोजगार और मां गृहिणी है। तीन भाई हैं जो दिल्ली में रहते हैं। युवक ने बताया कि दोस्त को सोमवार तक एक लाख रुपये लौटाने का वादा किया था। रुपये का इंतजाम नहीं होने के कारण वह अपनी किडनी बेचना चाहता है।
जिला अस्पताल के कार्यवाहक सीएमएस डॉ. चंदन कुमार मिश्रा ने बताया कि सीएमएस स्टाफ कार्यालय में एक युवक आया था। वह किडनी बेचने की बात कह रहा था। उसकी बात सुनकर सब चौंक गए। उसे समझाकर वापस भेज दिया गया।
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