देहरादून: प्रदेश में कोरोना का संक्रमण जिस तेजी से बढ़ रहा है, उसी तेजी से जांच भी महंगी होती जा रही है। शनिवार को सरकार ने आरटीपीसीआर जांच को महंगा कर दिया। सरकार ने निजी लैब में जांच दर 700 रुपये और घर आकर सैंपल लेने पर जांच दर 900 रुपये कर दी है। अभी तक यह दर क्रमश: 500 रुपये और 600 सौ रुपये थी। इससे पीडि़तों की जेब पर और बोझ बढ़ गया है।
प्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। सरकारी व निजी लैब पर टेस्ट को लेकर दबाव बढ़ गया है। जांच रिपोर्ट भी अब चार से पांच दिन में आ रही है। शासन ने इसी वर्ष जनवरी में कोरोना संक्रमण की दर में आ रही कमी को देखते हुए आरटीपीसीआर जांच की कीमत घटा कर 500 रुपये कर दी थी। अब कोरोना संक्रमण तेजी से बढने के बाद जिस तरह से सरकारी व निजी लैब में जांच बढ़ी हैं, उससे जांच किट की कीमतें बढ़ गई हैं। इसे देखते हुए स्वास्थ्य महानिदेशालय ने इसी माह शासन को एक प्रस्ताव भेजकर आरटीपीसीआर की दरों में बढ़ोतरी करने का अनुरोध किया। इसे शासन ने शनिवार को मंजूरी दे दी। इसके तहत निजी चिकित्सालय द्वारा निजी लैब को सैंपल भेजने अथवा व्यक्ति द्वारा लैब में जाकर आरटीपीसीआर टेस्ट कराने की दर 700 रुपये कर दी गई है। निजी लैब द्वारा घर जाकर स्वयं आरटीपीसीआर सैंपल एकत्र कर जांच की दर 900 रुपये की गई है। वहीं, सरकारी अस्पतालों द्वारा निजी लैब भेज गए सैपल की जांच दर 400 रुपये होगी।
सचिव स्वास्थ्य डा. पंकज कुमार पांडेय द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि प्रयोगशालाओं को सभी रिपोर्ट में सीटी वेल्यू अंकित करनी जरूरी होगी।
एक और मार : उत्तराखंड में आरटीपीसीआर टेस्ट कर दिया महंगा, जानिए अब इतने में होगी जांच
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