नई दिल्ली। इंजीनियर बनने की ख्वाहिश रखने वाले युवाओं के लिए अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद ने बड़ा फैसला लिया है। उसने अब इसके लिए इंटरमीडिएट में भौतिक, रसायन विज्ञान और गणित विषय होने की बाध्यता समाप्त कर दी है। अब विद्यार्थियों को 14 विषयों- भौतिकी, गणित, रसायन विज्ञान, कंप्यूटर विज्ञान, इलेक्ट्रॉनिक्स, सूचना प्रौद्योगिकी, जीव विज्ञान, इनफॉर्मेटिक्स प्रैक्टिस, जैव प्रौद्योगिकी, तकनीकी व्यावसायिक विषय, इंजीनियरिंग ग्राफिक्स, व्यावसायिक अध्ययन, अंत्रप्रेन्योरशिप विषयों में से तीन विषयों को चुनना होगा। आरक्षणित श्रेणी के छात्रों के लिए बारहवीं में 40 फीसदी और अनारक्षिक श्रेणी के छात्रों के लिए 45 फीसदी अंकों की जरूरत होगी।
परिषद के नियम के मुताबिक, विविध पृष्ठभूमि से आने वाले विद्यार्थियों के लिए विश्वविद्यालय उपयुक्त पाठ्यक्रम जैसे कि गणित, भौतिक, इंजीनियरिंग ड्राइंग इत्यादि पेश करेगा। अभी तक बीई, बीटेक पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए बारहवीं कक्षा में गणित और भौतिक विषय जरूरी होता था, लेकिन अब इसकी अनिवार्यता को खत्म कर दिया गया है। शैक्षणिक वर्ष 2020-21 से विविध पृष्ठभूमि के छात्र भी इंजीनियरिंग कोर्स में दाखिला ले सकेंगे।