लखनऊ। आने वाले दिनों में रामनगरी अयोध्या की पहचान दुनियाभर में पर्यटन क्षेत्र के रूप में होने वाली है। इसके लिए विकास प्राधिकरण ने ‘डॉक्यूमेंट विजन’ तैयार कर इसमें आसपास के जिलों के दर्शनीय व धार्मिक स्थल को भी जोड़ने का प्रस्ताव रखा है। इसमें लखनऊ का मनकामेश्वर मंदिर, हनुमान सेतु, आंबेडकर मेमोरियल पार्क, जूलॉजिकल गार्डन व लखनऊ संग्रहालय, प्रयागराज का संगम, अक्षय वट, किला और आनंद भवन, गोरखपुर का गोरखनाथ मंदिर, रेल संग्रहालय, गीता वाटिका, रामगढ़ ताल व वीर बहादुर सिंह तारा मंडल और वाराणसी में गंगा नौकायान, काशी विश्वनाथ, संकट मोचन, दर्गा माता, भारत माता व अन्य मंदिरों के साथ गंगा की संध्या आरती शामिल किए गए हैं।
अयोध्या का दायरा 873.37 किमी का होगा। श्रीराम मंदिर के कोर सिटी का दायरा 31.5 वर्ग किमी होगा। अयोध्या का मास्टर प्लान 133 वर्ग किमी क्षेत्रफल का तैयार कराया जा रहा है। अयोध्या में ग्रीनफील्ड टाउनशिप 4.86 वर्ग किमी में बसाई जाएगी।
यह है प्रस्ताव
अयोध्या में आध्यात्मिक नगर, वैदिक एवं पारंपरिक ज्ञान और उत्सवधर्मी नगर भी बसाए जाएंगे। तीर्थ यात्रियों के लिए मूलभूत सुविधाएं, पर्यटन का विविधीकरण, हब एंड स्पोक्स परिपथ, मंदिरों और धरोहरों का संरक्षण एवं भ्रमण, सरयू का तटीय विकास, ब्रांड अयोध्या का प्रचार-प्रसार और सुगम परिवहन की व्यवस्था की जाएगी। सुविधायुक्त सामुदायिक आश्रय, हरित एवं सौर ऊर्जाकृत नगर, आधुनिक अवस्थापना विकास, आत्मनिर्भर नगर, भूगर्भ जल, अपशिष्ट प्रबंधन आर्गेनिक खेती, वृहद क्षेत्र का विकास कराया जाएगा।
उत्सव धर्मी नगर बनाने की तैयारी
प्रस्ताव में नवरात्रि से दीपावली तक 15 दिन सांस्कृतिक आयोजन कराने, भरत कुंड पौराणिक एवं सांस्कृतिक आयोजन, ग्रीनफील्ड टाउनशिप में प्रदर्शनियों का आयोजन, परिक्रमा मार्ग पर श्रीराम जीवन वृत्त से संबंधित प्रदर्शनियाें का आयोजन कराने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। इसके अलावा नगर के आध्यात्मिक स्वरूप को बनाए रखने के लिए पौराणिक महत्व के मुख्य क्षेत्र का मंदिर वास्तुकला के अनुरूप विकास किया जाएगा।
खबरों से रहें हर पल अपडेट :
हमारे वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिए क्लिक करें।
हमारे टेलीग्राम ग्रुप से जुड़ने के लिए क्लिक करें।