न्यूज जंक्शन 24, बरेली। तीन वर्षीया सगी भतीजी से दुष्कर्म करने वाले फतेहगंज पूर्वी के कादरगंज निवासी ग्वाला प्रसाद उर्फ ज्वाला प्रसाद को विशेष न्यायाधीश पाक्सो कोर्ट संख्या तृतीय अनिल कुमार सेठ की अदालत ने दोषी पाते हुए सश्रम आजीवन कारावास व पचास हजार रुपये अर्थदण्ड की सजा सुनाई। अर्थदण्ड की सम्पूर्ण धनराशि पीड़िता के इलाज व पुनर्वास को अदा की जायेगी।
लोक अभियोजक हरेन्द्र पाल सिंह राठौर ने बताया कि जिला जज के स्थानान्तरण आदेश पर पाक्सो कोर्ट तृतीय को बीती 28 फरवरी को पत्रावली प्राप्त हुई थी। पीड़िता की गवाही 5 मार्च को हुई थी। मात्र 13 दिनों की अवधि में अभियोजन पक्ष ने कुल सात व बचाव पक्ष के दो गवाहों समेत नौ गवाहों को कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किया। फतेहगंज पूर्वी के पैरोकार किरन पाल ने साक्षीगण को कोर्ट में पेश करवाने को अत्यधिक प्रयास किया जिसे अदालत ने सराहनीय बताया। पीड़िता की मां ने फतेहगंज पूर्वी थाने के प्रभारी निरीक्षक को तहरीर देकर बताया था कि 12 मई 2019 को सुबह करीब दस बजे वह अपने घर के बाहर गोबर के उपले पाथ रही थी। तभी उसकी तीन वर्षीया बेटी की घर के अंदर से रोने, चिल्लाने की आवाज आयी। आवाज सुनकर घर के अंदर गई तो देखा कि उसका सगा जेठ ग्वाला प्रसाद उसके घर के कमरे में बेटी के साथ दुष्कर्म कर रहा था। पास पहुंचते ही बेटी को छोड़कर उसे धक्का देते हुए भाग गया। बेटी की हालत अत्यंत गंभीर थी। वह जिला अस्पताल लेकर पहुंची जहां उसका इलाज चल रहा है। पुलिस ने तत्काल ग्वाला प्रसाद पर पाक्सो एक्ट समेत गंभीर धाराओं मे केस दर्ज करते हुए गिरफ्तार कर जेल भेजा था। तदोपरांत आरोप पत्र कोर्ट को भेजा। सत्र परीक्षण के दौरान अभियोजन पक्ष ने अभियुक्त को कड़ी सजा देने की कोर्ट से याचना की। डीजीसी क्राइम सुनीति कुमार पाठक ने बताया कि महिला अपराधों पर अदालतों का रूख सख्त है।