देहरादून। पांच माह से वेतन न मिलने से नाराज रोडवेज कर्मचारियों की शनिवार सुबह से प्रस्तावित प्रदेशव्यापी बेमियादी हड़ताल स्थगित हो गई है। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के साथ वार्ता के बाद कर्मचारियों ने हड़ताल से कदम पीछे खींच लिया। मुख्यमंत्री ने भरोसा दिया है कि सरकार कर्मचारियों के हितों को ध्यान में रख रही है और शीघ्र वेतन का समाधान निकाल लिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को इस मामले में निष्कर्ष निकालने के निर्देश भी दिए हैैं।
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पांच माह से वेतन न मिलने के कारण रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद ने सरकार के खिलाफ चरणबद्ध आंदोलन शुरू किया था। पहले डिपो व उसके बाद मंडल कार्यालयों पर धरना-प्रदर्शन दिया था। अब परिषद ने शनिवार सुबह से बेमियादी हड़ताल करने की चेतावनी दी थी लेकिन उससे पहले ही शुक्रवार देर रात मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से उन्हें वार्ता के लिए बुला लिया गया, जहां मुख्यमंत्री ने कर्मचारियों की समस्या को गंभीरता से सुना। कर्मचारियों ने सरकार से रोडवेज की मदद के लिए सौ करोड़ रूपये की मांग की, ताकि लंबित वेतन और बाकी भुगतान पूरे किए जा सकें।
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि सरकार रोडवेज को हर संभव मदद कर रही है। उन्होंने बताया कि पिछले हफ्ते ही उन्होंने रोडवेज के लिए 20 करोड़ रूपये की मदद की फाइल मंजूर की है। उन्होंने कर्मचारियों को कुछ दिन के लिए सब्र रखने की सलाह दी और भरोसा दिया कि सरकार सबकी परेशानी हल करने का प्रयास करेगी। मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद परिषद ने अपनी हड़ताल का निर्णय स्थगित कर दिया।
- ये है कर्मचारियों की मांगें
- समस्त लंबित भुगतान जल्द किया जाए
- कोरोना के चलते मृत कर्मी के परिवार को तत्काल आर्थिक सहायता मिले
- कोरोना से मृत संविदा-विशेष श्रेणी कर्मी के परिवार के आश्रित को नौकरी दी जाए
- ईपीएफ में रकम जमा की जाए
- निगम की बसों को गत वर्ष की तरह यात्री कर से छूट दी जाए
- संविदा व विशेष श्रेणी चालक व परिचालकों को दैनिक 250 किमी डयूटी के आधार पर ड्यूटी पर मानते हुए भुगतान किया जाए।