न्यूज जंक्शन 24, हल्द्वानी। नैनीताल जिले को आज बड़ी उपलब्धि मिली है। जिले से जुड़े दो साहित्यकारों को साहित्य अकादमी पुरस्कार (Sahitya Akademi Award) के लिए चुना गया है। इनमें एक वरिष्ठ लेखक, पत्रकार और विज्ञान कथाकार 73 वर्षीय देवेंद्र मेवाड़ी हैं और दूसरी कथाकार नमिता गोखले हैं। देवेंद्र मेवाड़ी ओखलकांडा के कालाआगर गांव में जन्मे हैं। वहीं, नमिता गोखले नैनीताल में पली बढ़ी हैं।
किशन सिंह मेवाड़ी और तुलसा देवी के बेटे देवेंद्र (Sahitya Akademi Award) की प्रारंभिक शिक्षा काला आगर गांव के प्राथमिक विद्यालय में हुई। वह तीन भाई बहनों में सबसे छोटे हैं। ओखलकांडा के इंटर कॉलेज से 12वीं की शिक्षा ग्रहण करने के बाद वह उच्च शिक्षा के लिए नैनीताल के डीएसबी कॉलेज में आ गए। वहां से उन्होंने वनस्पति विज्ञान में एमएससी किया।
मेवाड़ी ने हिंदी में एमए करने के साथ-साथ राजस्थान विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर किया। वह 22 साल तक पंजाब नेशनल बैंक में पीआरओ भी रहे। मेवाड़ी अब तक 30 किताबें लिख चुके हैं जिसमें से 27 विज्ञान से संबंधित और तीन संस्मरण हैं। ‘मेरी यादों का पहाड़’ उनका आत्मकथात्मक संस्मरण है।
मेवाड़ी की रचनाओं में ‘विज्ञान और हम’, ‘विज्ञाननामा’, ‘मेरी विज्ञान डायरी’ ‘मेरी प्रिय विज्ञान कथाएं’, ‘फसलें कहें कहानी’, ‘विज्ञान बारहमासा’, ‘विज्ञान जिनका ऋणी है’, ‘सूरज के आंगन में’, ‘सौरमंडल की सैर’ आदि शामिल हैं। मेवाड़ी ने कई विज्ञान पत्रिकाओं, वैज्ञानिक पुस्तकों का संपादन, अनुवाद भी किया है। उन्हें कई राष्ट्रीय पुरस्कारों (Sahitya Akademi Award) से सम्मानित किया जा चुका है।
इनमें केंद्रीय हिंदी संस्थान, आगरा का प्रतिष्ठित आत्माराम पुरस्कार, हिंदी अकादमी दिल्ली का ‘ज्ञान-प्रौद्योगिकी सम्मान’, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार का राष्ट्रीय विज्ञान लोकप्रियकरण पुरस्कार, भारतेंदु राष्ट्रीय बाल साहित्य पुरस्कार आदि शामिल हैं। विज्ञान की गुत्थियों को पठनीय साहित्य बना देने वाले देवेंद्र की हिंदी और साहित्य में भी बराबर की रुचि है। उनका विज्ञान लेखन उच्च कोटि का साहित्य रहता है। मेवाड़ी जी की सबसे अधिक प्रसिद्ध पुस्तक -मेरी यादों का पहाड़-है।
वहीं, नैनीताल में पली बढ़ी लेखिका व उपन्यासकार नमिता गोखले की चर्चित किताब थिंग्स टू लिव बिहाइंड को इस साल के अंग्रेजी भाषा के लिए साहित्य अकादमी के प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए चुना गया है। हिमालयन इकोज की सलाहकार नमिता की इस किताब को छह साल पहले नैनीताल के ही प्रसादा भवन में आयोजित हिमालयन इकोज लिटरेरी फेस्टिवल में प्रसिद्ध लेखक प्रो. पुष्पेश पंत ने लांच किया था। नमिता को साहित्य अकादमी पुरस्कार (Sahitya Akademi Award) मिलने से पूरा कुमाऊं गौरवांवित हुआ है।
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