न्यूज जंक्शन 24, देहरादून। उत्तराखंड के उत्तरकाशी स्थित पुरोला में भाजपा विधायक द्वारा एसडीएम को धमकी देने का मामला सामने आया है। एसडीएम ने अपनी जान को खतरा बताते हुए थाना पुरोला में तहरीर देकर बीजेपी विधायक दुर्गेश्वर लाल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग (SDM threatened with life from BJP MLA of Purola) की है। वहीं, पुरोला थानाध्यक्ष अशोक कुमार ने बताया कि उपजिलाधिकारी की तहरीर मिली है। अभी मुकदमा दर्ज नहीं किया है। मामले की जांच की जा रही है।
उपजिलाधिकारी पुरोला सोहन सिंह सैनी ने तहरीर में लिखा है कि 21 मई को नगर पंचायत ने निकाय क्षेत्रार्न्तगत अवैध अतिक्रमण हटवाया था। जिसके बाद विधायक ने उसी रात लगभग 10 बजे उन्हें पुरोला स्थित विश्राम गृह बुलाया। हालांकि रात ज्यादा होने का हवाला देते हुए एसडीएम ने अाने में असमर्थता जता दी।
एसडीएम ने कहा, ‘मुझे विश्वस्त सूत्रों से पता चला था कि विधायक और उनके राजनीतिक मित्र मेरे साथ किसी प्रकार की अभद्र भाषा का प्रयोग कर बदतमीजी कर सकते हैं। फिर भी अगले दिन सुबह वह विधायक से मिलने गए तो विधायक ने मुझे विश्राम गृह की जगह मुख्य बाजार में ही मिलने को कहा। जब वह 22 मई को मुख्य बाजार पहुंचे तो पुरोला के विधायक दुर्गेश्वर लाल और उनके समर्थकों ने उनके खिलाफ नारेबाजी की और अभद्र भाषा का प्रयोग कर नोंकझोंक की।’ एसडीएम ने आरोप लगाया कि विधायक समय-समय पर अपनी विधायकी का धौंस दिखाते कार्यालय में अवैध कार्य करवाने का अनावश्यक दबाब बनाते रहते हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि विधायक के स्तर से मेरी हत्या कराने और एससी-एसटी एक्ट के अन्तर्गत मुकदमा दर्ज करवाए जाने जैसी कई प्रकार की धमकियां भी मिल रही हैं (SDM threatened with life from BJP MLA of Purola)। उन्होंने कहा, ‘चूंकि पूर्व में परगना पुरोला क्षेत्रार्न्तगत उप जिलाधिकारी आवास जैसे स्थानों में आगजनी जैसी घटनाएं घटित हो चुकी हैं तथा मेरे पूर्ववर्ती उप जिलाधिकारियों के साथ विभिन्न प्रकार की घटनाऐं भी घटित हुई है, जिसे देखते हुए भविष्य में अगर मेरे साथ किसी प्रकार की अप्रिय घटना घटित होती है तो उसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी पुरोला विधायक दुर्गेश्वर लाल की रहेगी।’
वहीं पुरोला विधायक दुर्गेश्वर लाल ने इन आरोपों पर कहा कि शनिवार को एसडीएम सरकारी वाहन पर जनपद से बाहर जा रहे थे। उन्होंने आरोप लगाया कि एसडीएम हर बार की तरह बिना बताए ही सरकारी वाहन लेकर अपने घर जा रहे थे। मैंने जिलाधिकारी के संज्ञान में यह मामला लाया तो एसडीएम को आधे रास्ते से वापस आना पड़ा। उन्होंने इस दौरान अपने बचाव के लिए एक चालान भी काटा। इसी के चलते एसडीएम ने उनके खिलाफ तहरीर दी है। विधायक कहते हैं कि वह जानता के सेवक है जनता के प्रति उनकी जनता के प्रति उनकी जवाबदारी है, लेकिन एसडीएम ने अपने कृत्य को छुपाने के लिए उनके ऊपर बेवजह गंभीर आरोप लगाए हैं।
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