हरिद्वार: पथरी क्षेत्र में अवैध और अप्राकृतिक यौन संबंध के चलते हत्या और शव जलाने की खौफनाक साजिश का पर्दाफाश हुआ है। चौंकाने वाली बात यह है कि खुद पति ने दूधिये से अपनी पत्नी के अवैध संबंध बनवाए थे। बाद में अप्राकृतिक यौन संबंध के लिए दूधिये को ब्लैकमेल करने लगा। पत्नी ने दूधिये के साथ मिलकर पति की हत्या की और शव जंगल में फेंक दिया। पकड़े जाने के डर से पांच दिन बाद पेट्रोल डालकर शव को जलाया भी गया। पुलिस ने आरोपित पत्नी व उसके प्रेमी को गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस के मुताबिक, पथरी के रानीमाजरा गांव निवासी संजीव की पत्नी अंजना ने नौ मई को पति की गुमशुदगी दर्ज कराई थी। उसका कहना था कि पति फैक्ट्री जाने के लिए घर से निकला था और नहीं लौटा। पुलिस ने गुमशुदगी दर्ज कर संजीव की तलाश शुरू की। एसएचओ पथरी अमर चंद्र शर्मा के नेतृत्व में पुलिस ने संजीव की कॉल डिटेल खंगालने से लेकर पड़ोसियों और उसके साथ काम करने वालों तक से पूछताछ की। संजीव की पत्नी अंजना के बयानों में झोल नजर आने पर पुलिस ने उससे सख्ती से पूछताछ की। तब उसने धनपुरा निवासी शिवकुमार उर्फ शिब्बू के साथ मिलकर संजीव की हत्या कुबूल की। दोनों की निशानदेही पर पुलिस ने जंगल से अधजला शव बरामद किया। अंजना ने पुलिस को बताया कि शिवकुमार उनके घर दूध देने आता था। करीब 10 साल पहले संजीव ने खुद उसकी दोस्ती कराई। दोनों बीच प्रेम प्रसंग और फिर अवैध संबंध हो गए। अंजना और शिवकुमार के मुंह से आगे की कहानी सुनकर पुलिस के भी होश उड़ गए। उन्होंने बताया कि संजीव खुद शिव कुमार को अवैध संबंध बनवाने के लिए अपने घर लेकर आता था। वह खुद भी शिव कुमार से अप्राकृतिक संबंध बनवाता था। कुछ दिन से संजीव उसे ब्लैकमेल करने लगा था कि उसने यह सिलसिला जारी नहीं रखा तो वह समाज के सामने उसकी सच्चाई उजागर कर देगा। तब अंजना और शिव कुमार ने मिलकर उसे रास्ते से हटाने की योजना बनाई। जिसके तहत शिवकुमार ने नौ मई को अंजना से अवैध संबंध और संजीव से अप्राकृतिक यौन संबंध बनाने के बहाने उसे फेरुपुर में अपने मकान पर बुलाया। जहां अंजना व शिवकुमार ने रस्सी से गला घोंटकर संजीव की हत्या कर दी। इसके बाद शव को बोरे में भरकर जंगल में फेंक दिया। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सेंथिल अवूदई कृष्णराज एस ने बताया कि अंजना को पकड़े जाने का डर सताने लगा था। उसने शिवकुमार से बात की, तब 14 मई को शिवकुमार ने जंगल जाकर पेट्रोल से शव में आग लगा दी। दोनों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया है।
ग्राम प्रधान को फंसाने की थी योजना
हरिद्वार: संजीव अपने गांव में सरकारी निर्माण कार्यों को लेकर ग्राम प्रधान से सूचना अधिकार अधिनियम में जानकारी मांगता रहता था। जिस कारण प्रधान से उसके संबंध ठीक नहीं थे। अंजना व शिवकुमार इससे वाकिफ थे। उन्हें लगा कि संजीव के लापता होने पर उसे गायब करने का आरोप प्रधान के सिर आएगा। इस खतरनाक मंसूबे को अमलीजामा पहनाने के लिए अंजना ने गुमशुदगी दर्ज कराने के दौरान ग्राम प्रधान पर शक भी जताया।