न्यूज जंक्शन 14, नई दिल्ली। जिस बेटी को माता-पिता वकील बनाना चाहते थे, उसने ब्रह्मांड सुंदरी बनकर इतिहास रच दिया। मोहाली से लेकर चंडीगढ़ तक उसकी कामयाबी के गीत गाए जा रहे हैं। परिजनों को बधाई देने वालों का तांता लगा है। सबकी जुबां पर हरनाज संधू (Harnaaz Sandhu) का ही नाम है। पड़ोसी, रिश्तेदार ही नहीं, उसके शिक्षक भी खुशी से फूले नहीं समा रहे हैं।
पिता परमजीत सिंह संधू भावुक होते हुए बोले- मुझे अपनी हरनाज (Harnaaz Sandhu)पर गर्व है। उसने देश को गौरवान्वित होने का मौका दिया है। हरनाज की मां डॉ. रबिंदर कौर संधू ने बताया कि वह हमेशा परिवार की लाडली रही है। उसे जो करना होता था हमने उसे कभी नहीं रोका। हम लोग मूलरूप से गुरदासपुर के बटाला के रहने वाले हैं। हरनाज (Harnaaz Sandhu) पूरे खानदान में 16-17 भाइयों की इकलौती लाडली बहन है। हम चाहते थे कि वह वकील बने लेकिन उसने बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में ही अपनी मास्टर डिग्री करनी चाही थी। हमने उसे कभी किसी चीज के लिए नहीं रोका।
उन्होंने कहा कि हरनाज मुझे हमेशा कहती रही कि आप मेरी पहली जज हो तो आपको जो भी खराब लगे मुझे बताना। मेकअप से लेकर वॉक तक सब पर मुझे ध्यान रखने के लिए बोलती थी। उन्होंने बताया हमारे परिवार में कोई ऐसा नहीं है, जो इस प्रतियोगिता के बारे में जानकारी रखता हो लेकिन हरनाज ने इंटरनेट से पढ़कर अपना और अपनी सेहत का ध्यान रखा। वर्ष-2020 में वह शाकाहारी बन गई, इसके बाद से उसने कभी बाहर का खाना नहीं खाया। परिवार के लोगों को भी बाहर खाना खाने के लिए टोकती थी।
मां ने बताया कि हरनाज (Harnaaz Sandhu) हमेशा बहुत सक्रिय और दृढ़ निश्चय वाली रही है। वह जो भी ठानती थी, पूरा करके छोड़ती थी। उन्होंने बताया कि जब इजराइल में मिस यूनिवर्स-2021 का कंपीटीशन हो रहा था तो तब हम लोग सोहाना के गुरुद्वारा श्री सिंह शहीदां में उसके लिए अरदास कर रहे थे। हरनाज का भाई इस कंपीटीशन के हर राउंड पर नजर रखे हुए था। वहीं, हरनाज के कॉलेज के शिक्षक भी आयोजित होने वाले हर यूथ फेस्टिवल के बाद हमें कहते थे कि आप हरनाज के गुणों को देखते हुए उसे आगे बढ़ने का मौका देते रहें।
हरनाज से सात साल बड़े भाई हरनूर सिंह संधू म्यूजिक कंपोजर और प्रोड्यूसर हैं। उनके पिता पीएस संधू का रियल एस्टेट बिजनेस है और उनकी माता श्री गुरु हरकृष्ण साहिब सोहाना आई एंड सुपर स्पेशियलिटी चैरिटेबल हॉस्पिटल की सीनियर मेडिकल ऑफिसर हैं। हरनूर ने बताया बचपन से ही हरनाज बॉलीवुड की फैन रही है। छह साल की हरनाज ने देवदास फिल्म का गाना सिलसिला ये चाहत का पर छुपकर प्रैक्टिस की। रिश्तेदारों की शादी में उसने इस गाने पर डांस किया, मुझे उस दिन से लगा था कि वो कुछ अलग है। जब हरनाज मिस चंडीगढ़ बनी थी तो सिर्फ मैं ही उसके साथ था, कंपीटीशन में शामिल हुआ था। पिता को इस बारे में कुछ नहीं पता था। जब उन्हें बताना था तो मैं और मां दोनों घबराए थे। जब हमने बताया तो वह बहुत हैरान हुए। हरनाज को गले लगाकर बोले-बेटा तूने मुझे गर्व करने का मौका दिया। वहीं फिल्मों में रोल मिलने के चलते पिता हरनाज को खुद लेकर जाते रहे।
चंडीगढ़ से की है पढ़ाई-लिखाई
हरनाज संधू (Harnaaz Sandhu) ने अपनी प्राथमिक पढ़ाई चंडीगढ़ के शिवालिक पब्लिक स्कूल से की है। फिलहाल वे चंडीगढ़ के सेक्टर-42 स्थित पोस्ट ग्रेजुएट गवर्नमेंट गर्ल्स कॉलेज में एमए बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन की छात्रा हैं। बचपन में अपने दुबलेपन के कारण लोगों के ताने सहने वाली हरनाज संधू ने तनाव को पछाड़कर ये मुकाम हासिल किया है। उन्होंने अपने घर पर रहकर ही तैयारी की है।
पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन के प्रोफेसर मोहित ने बताया 2017 के यूथ फेस्टिवल के दौरान लेट हो गई। इसके बाद हरनाज की माता ने उसे गुस्सा किया। ऐसे में उन्हें कॉलेज बुलाया गया, जहां उन्हें बताया गया कि हरनाज कुछ खास है। हमें उसका सहयोग करना है। इसके बाद से हरनाज ने थिएटर से लेकर डांस तक की सभी क्लास में हिस्सा लेना शुरू कर दिया। उन्होंने बताया कि कठिनाइयां और संघर्ष जिंदगी का हिस्सा है, हमें बस सकारात्मक मानसिकता और मेहनत से उन्हें पार करना है।
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