लीज खत्म, फिर भी निर्माण पर रोक: ज़मीन खरीदारों को राहत दिलाएंगे आयुक्त

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हल्द्वानी। शनिवार को कैम्प कार्यालय में आयोजित जनता मिलन कार्यक्रम में बड़ी संख्या में शिकायतकर्ता पहुंचे। आयुक्त एवं सचिव (माननीय मुख्यमंत्री) दीपक रावत स्वयं उपस्थित होकर लोगों से मिले और प्रत्येक शिकायत को गंभीरता से सुनते हुए त्वरित समाधान के निर्देश दिए।

हल्द्वानी निवासी भगीरथी जोशी के साथ 10 लाख रुपये की वित्तीय ठगी का मामला जनसुनवाई में सामने आया। प्रारंभिक जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि इस धोखाधड़ी में एक संगठित गिरोह सक्रिय है, जिसमें हल्द्वानी के एक चार्टर्ड अकाउंटेंट, बैंक मैनेजर सुनील कुमार, और गाजियाबाद की वित्तीय कंपनी ‘फाइनेंस केयर’ के प्रमुख अंकुर अग्रवाल (निवासी शाहदरा, दिल्ली) शामिल हैं।

चार्टर्ड अकाउंटेंट द्वारा महिला और उनके साथी कन्नू जोशी को बैंक प्रबंधक से मिलवाया गया, जिसके बाद उनकी संपत्ति को 2.58 करोड़ रुपये में राज किशोर वर्मा के नाम बेच दिया गया। यह सौदा बैंक लोन के जरिए किया गया और प्राप्त धनराशि को आपसी साजिश के तहत बांटा गया। मंडलायुक्त ने मामले को गंभीरता से लेते हुए सभी आरोपितों को पूछताछ के लिए तलब करने और दोषियों के विरुद्ध सख्त कानूनी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

राष्ट्रीय खेलों में लगभग 70 वॉलिंटियर्स द्वारा कार्य किए जाने के बावजूद उन्हें अब तक भुगतान नहीं हुआ है। शिकायतकर्ताओं ने बताया कि उन्हें देहरादून की एक निजी फर्म के माध्यम से काम पर लगाया गया था। मंडलायुक्त ने बताया कि संबंधित कंपनी को भुगतान किया जा चुका है, लेकिन फर्म ने वॉलिंटियर्स को राशि नहीं दी है। उन्होंने जिला क्रीड़ा अधिकारी को जांच कर दोषी पाए जाने पर फर्म के विरुद्ध कार्रवाई के निर्देश दिए।

जनसुनवाई में चाय बागान की भूमि खरीद से संबंधित मामला सामने आया, जहां लीज समाप्त हो जाने के बावजूद भवन निर्माण की अनुमति नहीं मिल रही थी। एक शिकायतकर्ता ने भुगतान की गई राशि वापस दिलाने की मांग की। इस पर आयुक्त ने संबंधित पक्षों को तलब कर जांच कराने और जल्द समाधान का आश्वासन दिया।

मंडलायुक्त दीपक रावत ने नगर आयुक्त ऋचा सिंह को निर्देशित किया कि खाद्य पदार्थों में मिलावट करने वालों के खिलाफ नगर निगम व अन्य एजेंसियों द्वारा संयुक्त रूप से अभियान चलाया जाए। उन्होंने कहा कि खाद्य पदार्थों में मिलावट जनस्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा है और दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।

शहर के मुख्य मार्गों पर ठेले और अतिक्रमण के कारण यातायात बाधित होने पर आयुक्त ने चिंता व्यक्त की। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि बिना नगर निगम में पंजीकरण और सत्यापन के कोई भी ठेला शहर में नहीं लगाया जाएगा। नगर आयुक्त को निर्देशित किया गया कि अतिक्रमण रोकने के लिए नियमित निगरानी की जाए।

इस जनसुनवाई में भूमि पैमाइश, संपत्ति विवाद, पारिवारिक मुआवजा जैसी कई व्यक्तिगत शिकायतें भी दर्ज की गईं, जिनमें से अधिकांश का समाधान मौके पर ही कर दिया गया।