देेेहरादन : राज्य में बहुमत प्राप्त कर चुकी भाजपा में अब मुख्यमंत्री पद पर चुनाव को लेकर मंथन तेजी पर है। फिलहाल तो छह माह पहले मुख्यमंत्री बने पुष्कर सिंह धामी को ही फिर से सीएम बनाने की मांग तेजी से उठ रही है। इसी मांग के बीच पार्टी हाईकमान ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन कौशिक व संगठन मंत्री अजेय को दिल्ली बुला लिया है।
इससे एकाएक सभी की नजरें राष्ट्रीय राजधानी की ओर लग गई है। इधर, सोमवार को पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व द्वारा उत्तराखंड के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षक व सह पर्यवेक्षक के रूप में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी को नियुक्त कर दिया गया। पार्टी के केंद्रीय कार्यालय से इसकी विधिवत सूचना भी प्रदेश कार्यालय को भेज दी है। प्रदेश अध्यक्ष कौशिक ने इसकी पुष्टि की।
मदन कौशिक ने बताया कि वह लोग राष्ट्रीय कार्यालय में होने वाली महत्वपूर्ण बैठक में भाग लेंगे। पार्टी हाईकमान ने नव निर्वाचित विधायकों को होली के बाद दून आने की सलाह दी है। ऐसे में समझा जा रहा है कि 19 मार्च को केंद्रीय पर्यवेक्षक यहां पहुंचेंगे और इसी दिन या फिर अगले दिन भाजपा विधायक दल की बैठक हो सकती है। कारण यह कि विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी चुनाव हार गए थे। यदि वह चुनाव जीत जाते तो किंतु-परंतु की गुंजाइश नहीं रहनी थी, क्योंकि पार्टी का राष्ट्रीय नेतृत्व ने पहले ही उन्हें चेहरा घोषित किया था। अब सरकार के मुखिया के नाम को लेकर नजर केंद्रीय नेतृत्व पर टिक गई हैं।
हालांकि जिस तरह छह माह के कार्यकाल में भाजपा की कमजोर स्थति के बाद भी बहुमत में ला खड़ा किया है। इसका श्रेय काफी हद तक मुख्यमंत्री धामी को ही जा रहा है,लिहाजा मुख्यमंत्री बनाए रखने को लेकर भी उनका नाम आगे चल रहे है। लेकिन नेता के चयन में विलंब के कारण अन्य दावेदार भी अंदरखाने जोड़-तोड़ में जुट गए हैं। दावेदारों ने सार्वजनिक रूप से किसी भी तरह की बयानबाजी से बचते हुए दिल्ली में अपने-अपने संपर्कों को न सिर्फ सक्रिय किया हुआ है, बल्कि नेतृत्व तक अपनी बात भी पहुंचा रहे हैं। कुछ मंत्रियों और विधायकों की दिल्ली दौड़ को इसी कड़ी का हिस्सा माना जा रहा है।