न्यूज जंक्शन 24, देहरादून। हरीश रावत (Harish Rawat Congress) ने जिस तरह एक के बाद एक ट्वीट करके उत्तराखंड की राजनीतिक सियासत में हलचल मचाई है, उससे पार्टी हाईकमान असहज जरूर हाे गए हैं। कई लोग इसे हरीश रावत ( का पार्टी हाईकमान पर प्रेशर पॉलिटिक्स बता रहे हैं। हालांकि यह कोई पहला मामला नहीं है। हरीश रावत उत्तराखंड में अपने ही नेताओं और हाईकमान को समय-समय पर दबाव में लेते रहे हैं। बहरहाल, इस पूरे घटनाक्रम के बाद हाईकमान ने हरीश रावत और गणेश गोदियाल सहित पार्टी के चारों कार्यकारी अध्यक्षों को दिल्ली तलब किया है। कल यानी शुक्रवार को दिल्ली में एक पूर्व निर्धारित बैठक में सभी शामिल होंगे।
उत्तराखंड विधानसभा चुनाव से पहले हरीश रावत (Harish Rawat Congress) की राजनीति कई बार कांग्रेस के लिए भारी पड़ती भी दिखाई देती है। मौजूदा समय में भी कुछ इसी तरह की स्थिति दिखाई दे रही है। हरीश रावत ने पार्टी नेताओं पर गंभीर आरोप लगाते हुए चुनाव में सहयोग नहीं करने की बात कही है। सोशल अकाउंट पर अपने ट्वीट को लेकर चर्चाओं में आए हरीश रावत ने उत्तराखंड की राजनीति को तब और भी गर्म कर दिया जब उन्होंने क्षेत्रीय दल यूकेडी के नेताओं से मुलाकात की।
हालांकि इस मुलाकात के बाद उनके पार्टी छोड़ने और तमाम दूसरी बातों को कहा जाने लगा, लेकिन हकीकत यह है कि हरीश रावत (Harish Rawat Congress) इस तरह की राजनीति करते रहे हैं और इससे पार्टी पर दबाव भी बनाते रहे हैं। पार्टी कार्यकर्ताओं में भी चर्चाएं हैं कि हरीश रावत फिलहाल ऐसी गतिविधियां करके पार्टी को दबाव में लेना चाहते हैं और अपने मनमाफिक टिकट करने के साथ ही खुद को चेहरा भी घोषित करवाना चाहते हैं।
यह था हरीश रावत का ट्वीट
हरीश रावत (Harish Rawat Congress) ने ट्वीट कर कहा था कि, ‘है न अजीब सी बात, चुनाव रूपी समुद्र को तैरना है, सहयोग के लिए संगठन का ढांचा अधिकांश स्थानों पर सहयोग का हाथ आगे बढ़ाने के बजाय या तो मुंह फेर करके खड़ा हो जा रहा है या नकारात्मक भूमिका निभा रहा है। जिस समुद्र में तैरना है, सत्ता ने वहां कई मगरमच्छ छोड़ रखे हैं। जिनके आदेश पर तैरना है, उनके नुमाइंदे मेरे हाथ-पांव बांध रहे हैं। मन में बहुत बार विचार आ रहा है कि हरीश रावत अब बहुत हो गया, बहुत तैर लिए, अब विश्राम का समय है!’ उन्होंने एक अन्य ट्वीट में लिखा, ‘फिर चुपके से मन के एक कोने से आवाज उठ रही है “न दैन्यं न पलायनम्” बड़ी उहापोह की स्थिति में हूंं, नया वर्ष शायद रास्ता दिखा दे। मुझे विश्वास है कि भगवना केदारनाथ जी इस स्थिति में मेरा मार्गदर्शन करेंगे।’
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