कानपुर। बच्चों को बंधक बनाने वाला सुभाष बहुत ही शातिर था। उसने बच्चों को बंधक बनाने का रूस का एक वीडियो देखा था। इसके बाद बच्चों को बंधक बनाने की प्लानिंग की। वह दो माह से घर में बच्चों को बंधक बनाने की प्रैक्टिस कर रहा था।
सुभाष मोबाइल ने इंटरनेट का इस्तेमाल करता था। इंटरनेट पर सन 2004 में रूस में 50 से अधिक बच्चों को तीन दिन तक बंधक बनाने का वीडियो पड़ा हुआ था। वीडियो में दिखाया गया था कि जिस जगह पर बच्चों को बंधक बनाया था उस जगह पर बम का जाल बिछाया था। उसने ये वीडियो अपने मोबाइल में डाऊनलोड किया हुआ था। पुलिस को जांच के दौरान ये वीडियो मिला है।
उस वीडियो के आधार पर सुभाष ने अपने घर के आसपास बम का जाल बिछाया था। जिसे उसने तार से जोड़ रखा था। बच्चों को बंधक बनाने के बाद शाम लगभग पांच बजे उसने इसी बम से घर के बाहर धमाका भी किया। इस धमाके में पुलिस कर्मी घायल हो गए थे।
वीडियो के आधार पर सुभाष ने घर के बहारी हिस्से में एक कमरा बनवाया था। कमरे के अंदर ही टॉयलेट था। ताकि उसे टॉयलेट के लिए भी उसे बाहर जाने की जरूरत ही न पड़े। उसने बम, तार औऱ बैट्री इकट्ठा करना शुरू किया। इंटरनेट पर बम बनाने के वीडियो देखकर उसने डेटोनेटर के साथ बम को कनेक्ट कर उसका पूरा जाल घर के अंदर और बाहर बिछा दिया था। अगर पुलिस थोड़ा भी चूकती तो वह पूरे घर को बम से उड़ा देता।