बरेली : भगवान भोलेनाथ की भक्ति का सबसे पावन महीना सावन छह जुलाई से शुरू होने जा रहा है। सावन में इस बार पांच सोमवारी का योग बन रहा है। सावन के पहले दिन सोमवार होगा और समापन तीन अगस्त को भी सोमवार होगा। ज्योतिष के मुताबिक ऐसा संयोग 12 साल में एक बार बनता है। यह भगवान शिव की पूजा-पाठ के हिसाब से शुभ संकेत देने वाला है।
आचार्य पंडित मुकेश मिश्र ने बताया कि लंबे अरसे के बाद सावन में पांच सोमवार आ रहे हैं। जो लोग पूरे सावन में चालीसा नहीं कर पाते उनमें ज्यादातर लोग सोमवार को अवश्य जलाभिषेक करतें हैं। बहुत से लोग सोमवार का व्रत भी लगते हैं। ऐसे में कोरोना संक्रमण काल में सावन माह के दौरान सोमवार के साथ बनी ग्रह-गोचर स्थिति हर दृष्टि से शुभ है। सावन माह की शुरूआत से एक दिन पहले पांच जुलाई को गुरु पूर्णिमा है और आखरी दिन तीन अगस्त को रक्षाबंधन है।
चर्तुमास में जारी रहेंगे अनुष्ठान
सावन की शुरूआत से पहले एक जुलाई को देवशयनी एकादशी पर भगवान विष्णु समेत सभी देवी-देवता योगनिद्रा में चले जाते हैं। इस मान्यता के कारण लगभग चार माह बाद 25 नवंबर को देवउठनी एकादशी तक शादी-विवाह समेत किसी तरह के मांगलिक कार्य नहीं होंगे। लेकिन इन चार महीनों के दौरान जप, तप, दान, व्रत, हवन आदि अनुष्ठान जारी रहेंगे।
मंदिरों को किया जा रहा सैनिटाइज
कोरोना संक्रमण के मद्देनजर भक्तों को मंदिरों में दर्शन के दौरान सोशल डिस्टेंस रखनी होगी। थर्मल स्क्रीनिंग, सैनिटाइजेशन आदि नियमों का भी पालन करना होगा। वहीं, मंदिरों में तिलक लगाने, नैवेद्य (प्रसाद) चढ़ाने और घंटे-घंटियां बजाने पर रोक लगी रहेगी।
पाइप लगाकर किया जा रहा जलाभिषेक
धोपेश्वरनाथ मंदिर में सावन को लेकर तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। मंदिर में जलाभिषेक के लिए पाइप लगाया गया है जिसके माध्यम से भक्त शिवालय के गेट से ही जल अर्पित कर सकते हैं। वहीं, ऑटोमैटिक हैंड सैनिटाइजेशन मशीन भी लगा दी गई है।
सावन में इस तरह बनेगा पांच सोमवारी का योग
- अनिष्ट विनाशक होगा : छह जुलाई को अत्तराषाढ़ा नक्षत्र, वैधृति योग, कौलव करण, प्रतिपदा तिथि रहेगी। यह अभीष्ट फलदायक सावन सोमवार रहेगा। मान्यता है कि इस दिन की साधना अनिष्ट विनाशक सिद्ध होती है।
- विवाह के योग बनेंगे : 13 जुलाई को रेवती नक्षत्र है। इस दिन भगवान शिव का गन्ने के रस से अभिषेक करें। जिनका विवाह नहीं हो रहा है, वे इस दिन शिवजी का पूजन करें। इससे वैवाहिक संबंध बनने के योग हैं।
- सफलता की प्राप्ति : 20 जुलाई को पुनर्वसु नक्षत्र में सावन का तीसरा सोमवार पड़ेगा। शिवजी का दूध और केसर से अभिषेक करें। जरूरतमंदों की मदद करें, निश्चित तौर पर सफलता मिलेगी।
- साध्य योग दिलाएगा प्रतिष्ठा : 27 जुलाई को सुबह 7:10 बजे तक सप्तमी तिथि है, फिर अष्टमी तिथि लग जाएगी। चित्रा नक्षत्र, साध्य योग, वाणिज्य करण विद्यमान रहेंगे। इस दिन सूर्य, विश्वकर्मा पूजा से राजनीतिक उत्थान, उन्नति, यश, मान, प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी।
- खुलेंगे रोग मुक्ति के द्वार : तीन अगस्त को पूर्णिमा तिथि, उत्तराषाढ़ नक्षत्र, प्रीति और आयुषमान योग रहेगा। इस दिन शिव पूजा के साथ सत्यनारायण व ब्राह्मण की पूजा से सम्मान व स्वास्थ्य लाभ रहेगा। जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र, अन्नदान करना चाहिए।