सुशांत के परिवार ने एम्स निदेशक पर लगाये कई गम्भीर आरोप, मौत के खुलासे को अलग पैनल के गठन की मांग

167
खबर शेयर करें -

न्यूज जंक्शन 24, नई दिल्ली।

सुशांत सिंह राजपूत के परिवार ने बुधवार को आरोप लगाया कि दिवंगत अभिनेता की फॉरेंसिक जांच रिपोर्ट लीक होने से अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निदेशक डॉ. सुधीर गुप्ता के गैर पेशेवर और अनैतिक रवैये का पता चलता है। परिवार ने सीबीआई को पत्र लिखकर दिवंगत अभिनेता की मौत के कारणों की सही तरीके से जांच के लिए एक नए पैनल के गठन की मांग की।
पत्र में कहा गया कि डॉ सुधीर गुप्ता का रवैया अनैतिक, गैर पेशेवर और मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के दिशानिर्देशों का उल्लंघन है। आरोप लगाया गया कि डॉ. गुप्ता के इस आपराधिक कृत्य ने एम्स जैसी प्रमुख संस्था के प्रति जन विश्वास को कम कर दिया है। इसने जांच की निष्पक्षता को लेकर लाखों लोगों के मन में संदेह पैदा किया है।
अधिवक्ता वरुण सिंह के हवाले से भेजे गए पत्र में दावा किया गया कि यदि लीक हुई रिपोर्ट सही है तो वह अपर्याप्त साक्ष्यों के आधार पर निकाला गया ‘पक्षपातपूर्ण निष्कर्ष है।
वरुण ने कहा-एम्स द्वारा सीबीआई को भेजी गई रिपोर्ट के बारे में मुझे मीडिया से पता चला, यह रिपोर्ट 14 जून 2020 को हुई सुशांत सिंह राजपूत की मौत का मामले में सीबीआई के मत के संबंध में है, एम्स के जांच दल में शामिल कुछ चिकित्सकों को भी मैंने टीवी पर आकर उनके द्वारा की गई फॉरेंसिक जांच पर बयान देते हुए सुना। राजपूत के परिवार के वकील वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने कहा कि उस रिपोर्ट की एक प्रति बार-बार मांगी गई, लेकिन गुप्ता की ओर से कोई जवाब नहीं आया। एम्स के फॉरेंसिक विभाग के अध्यक्ष डॉ. गुप्ता ने शनिवार को कहा था कि मेडिकल बोर्ड ने राजपूत की मौत के मामले में हत्या की संभावना को नकार दिया है और इसे आत्महत्या बताया है।


नहीं सौंपी पोस्टमार्टम रिपोर्ट:
परिवार ने एम्स की रिपोर्ट पर यह कहते हुए आपत्ति जताई है कि गुप्ता के नेतृत्व वाले फॉरेंसिक दल ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं सौंपी, बल्कि वह केवल मुंबई के कूपर अस्पताल की रिपोर्ट पर अपनी राय दे रहे थे। पत्र में कहा गया कि इस संवेदनशील मामले पर पहले दिन से गुप्ता मीडिया को इंटरव्यू दे रहे हैं। पत्र में कहा गया कि कूपर अस्पताल में किए गए पोस्टमार्टम में कई विसंगतियां थीं।


रात में किया पोस्टमार्टम


पत्र के अनुसार मजिस्ट्रेट के आदेश के बिना पोस्टमार्टम रात में किया गया। रिपोर्ट में उस पैर का जिक्र नहीं है जो फ्रैक्चर हुआ था। ऐसी कई विसंगतियां हैं जो सावधानीपूर्वक की गई फॉरेंसिक जांच में सामने आतीं, लेकिन एम्स के दल ने इस पर ध्यान नहीं दिया, जैसा कि एक चिकित्सक द्वारा टीवी चैनल पर दिए गए इंटरव्यू में बताया गया।


वीडियोग्राफी नहीं कराई


पत्र में कहा गया कि पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी नहीं की गई। भविष्य में जांच हो सके इसके लिए पर्याप्त मात्रा में विसरा सहेज कर नहीं रखा गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का समय दर्ज नहीं किया गया। शरीर के घावों पर ध्यान नहीं दिया गया इसलिए उन घावों के कारणों पर कुछ नहीं कहा गया।