आत्मरक्षा सिखाने के नाम पर आपकी जेब पर डाका डाल रहे ताइक्वांडो कोच, बांटे फर्जी सर्टिफिकेट

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बरेली। ताइक्वांडो के कलर बेल्ट टेस्ट के नाम पर बरेली में बड़ा खेल पकड़ में आया है। यूपी ताइक्वांडो संघ से बिना इजाजत लिए ही धड़ल्ले से टेस्ट कराकर प्रमाण पत्र बांटे जा रहे हैं। टेस्ट के नाम पर अभिभावकों से 1000 से लेकर 10 हजार रुपये तक की वसूली की जा रही है। एक आंकलन के अनुसार, बीते दो साल में पांच हजार से ज्यादा अवैध सर्टिफिकेट बांटे जा चुके हैं।  


  ताइक्वांडो में राष्ट्रीय स्तर पर 1998 से एसोसिएशन को लेकर विवाद चल रहा है। राष्ट्रीय स्तर पर जिम्मी आर जगतियानी, प्रभात शर्मा और आरडी मंगेशकर की तीन एसोसिएशन चल रही थी। इसी तरह से यूपी में भी तीन एसोसिएशन चल रहीं। हालांकि अब भारतीय ओलंपिक संघ ने चुनाव के लिए पांच सदस्यों की कमेटी बना दी है। इस लड़ाई का लाभ ताइक्वांडो की अकादमी चला रहे तमाम  कोच उठा रहे हैं। यह लोग खिलाड़ियों को भ्रमित कर बेल्ट ग्रेडिंग टेस्ट कराते रहते हैं। यूपी ताइक्वांडो संघ के सह सचिव मो अकमल कहते हैं कि खिलाड़ियों को पता ही नहीं है कि वो जिस जगह ताइक्वांडो सीख रहे हैं उसकी मान्यता ही नहीं है। आप जिस भी जगह ताइक्वांडो सीखें या बेल्ट ग्रेडिंग टेस्ट दें सबसे पहले उसकी मान्यता के बारे में जानकारी लें। क्या वह एसोसिएशन यूपी ओलंपिक संघ से मान्यता प्राप्त है। क्या उसके सर्टिफिकेट पर एसोसिएशन के पदाधिकारियों के हस्ताक्षर हैं। यदि ऐसा नहीं है तो इस सर्टिफिकेट का कोई महत्व नहीं है।

तीन महीने में ले सकते सिर्फ एक टेस्ट
नियमानुसार कलर बेल्ट टेस्ट तीन महीने में एक बार ही लिया जा सकता है। मगर अंधी कमाई के लालच में कोच महीने-दो महीने के अंदर ही टेस्ट करवा दे रहे हैं। खिलाड़ी एक साथ दो बेल्ट का टेस्ट भी नहीं दे सकता है। इस नियम को भी ताक पर रख दिया जाता है।

ब्लैक बेल्ट के नाम पर मोटी कमाई
सबसे ज्यादा कमाई ब्लैक बेल्ट टेस्ट के नाम पर हो रही है। इसकी फीस 4300 रुपये है। इसमें 3600 रुपये प्रदेश एसोसिएशन को जमा होते हैं। 500 रुपये क्लब लेता है और 200 रुपये जिला एसोसिएशन के पास जाते हैं। इस टेस्ट के आठ से लेकर दस हजार रुपये तक लिए जा रहे हैं। अयोग्य कोच तक टेस्ट लेकर ब्लैक बेल्ट का सर्टिफिकेट बांट दे रहे हैं।