केरल के वायनाड ज़िले में भारी बारिश के कारण हुए भयानक भूस्खलन में मरने वालों की संख्या बढ़कर 54 हो गई है। मंगलवार सुबह मेप्पाडी के पास पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन हुआ, जिसमें मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टामाला और नूलपुझा गांव सबसे ज़्यादा प्रभावित हुए।
मलबे में कई लोगों के फंसे होने की आशंका है और भारी बारिश के कारण बचाव कार्य में बाधा आ रही है। केरल राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (केएसडीएमए) ने प्रभावित इलाकों में दमकल और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की टीमों को तैनात किया है। एक अतिरिक्त एनडीआरएफ टीम वायनाड के रास्ते में है। कन्नूर रक्षा सुरक्षा कोर की दो टीमों को भी बचाव प्रयासों में सहायता करने के निर्देश दिए गए हैं।
लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि आज सुबह-सुबह वायनाड में कई विनाशकारी भूस्खलन हुए। 50 से ज्यादा लोग मारे गए हैं। मुंडक्कई गांव का संपर्क टूट गया है और त्रासदी के पैमाने के कारण लोगों की जान और व्यापक क्षति का आकलन अभी किया जाना बाकी है। मैंने रक्षा मंत्री और केरल के मुख्यमंत्री से बात की है। मैं केंद्र सरकार से अनुरोध करता हूं कि बचाव और चिकित्सा देखभाल के लिए हर संभव सहायता प्रदान की जाए, मृतकों को तत्काल मुआवज़ा दिया जाए।
केरल के राजस्व मंत्री के. राजन ने बताया कि केरल के मंत्री एके शशिंद्रन ने बताया कि मृतकों की संख्या बढ़कर 54 हो गई है। एनडीआरएफ, अग्निशमन, पुलिस और राजस्व विभाग की टीमें सक्रिय रूप से काम कर रही हैं। अब तक करीब 101 लोगों को बचाया जा चुका है। कलपेट्टा के बाथरी में सेंट मैरी एसकेएमजे स्कूल में एक आश्रय शिविर स्थापित किया गया है। मेडिकल टीमें और एंबुलेंस मौके पर हैं, और भोजन और कपड़ों की व्यवस्था की गई है। मिट्टी खोदने वाली मशीनों की तत्काल आवश्यकता है।
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