फेरे दूल्हे संग और फरार हो गई प्रेमी के साथ। विदाई के लिए इंतज़ार करता रह गया बेचारा दूल्हा निराश लौटा

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गोंडा। उत्तर प्रदेश के गोंडा में दूल्हे ने शादी के सात फेरे तो लिए, लेकिन विदाई दुल्हन का दिलदार आशिक कर ले गया और इधर बेचारा दूल्हा घंटो अपनी नई नवेली दुल्हन के इंतजार में बैठा रहा।
गोंडा के छपिया थाना इलाके में ये घटना शुक्रवार को घटी। हुआ यूं कि यहां एक लड़की की शादी बलरामपुर जिले में रहने वाले एक लड़के से तय हुई। शादी का मुहुर्त 26 अप्रैल का निकला, लेकिन कोरोना की वजह से हुए लॉक डाउन में शादी टल गई। दूसरा मुहूर्त 26 नवम्बर का तय हुआ और दूल्हे राजा परिवार, सगे-संबंधी और दोस्तों के साथ नाचते-गाते अपनी ससुराल पहुंच गए। ससुरालियों ने बारातियों का जोरदार स्वागत किया। अब शादी की रस्में शुरू हो चुकी थी। पंडित जी ने मंत्र पढ़ने शुरू किए। दुल्हन को बुलाया गया। भोर में दूल्हा-दुल्हन ने सात फेरे लिए। दुल्हन ने भी राजी खुशी दूल्हे के नाम का सिंदूर अपनी मांग में सजा लिया, लेकिन उसके दिल दिमाग में तो कोई और ही छाया हुआ था। ससुराल से आए जेवरों से लदी दुल्हन वैवाहिक कार्यक्रम निपटाने के बाद अपने कमरे में चली गई। इधर, भोर की किरण के साथ विदाई की तैयारियां शुरू हो गईं। दूल्हा बेसब्र था और मां अपनी सजी संवरी बेटी को लेने उसके कमरे में चली गई, लेकिन बेटी (दुल्हन) तो वहां थी ही नही। लगा बाथरूम में होगी तो वहां भी नही थी। पड़ताल की तो पता लगा कि घर से कपड़े, पैसे और दूल्हे के लाए जेवर भी गायब थे। समझते देर नही लगी कि क्या हुआ। ये बात बरातियों से बहुत देर छुपाई गई, लेकिन छिपाते भी कब तक। दूल्हा घंटों दुल्हन के इंतजार में बैठा रहा और जब माजरा पता लगा तो हंगामा खड़ा हो गया। दुल्हन अपने यार के साथ रफूचक्कर हो चुकी थी। बात पुलिस तक जा पहुंची और कुछ ही देर में पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। बमुश्किल दोनों पक्षों के बीच समझौता कराया गया और फिर दूल्हा बिन दुल्हन बैरंग लौट गया।