बरेली। दुकानें-शोरूम बंद होने के बावजूद व्यापारियों के खर्च लगातार जारी हैं। लॉकडाउन के आगे बढ़ने की चर्चा से व्यापारिक वर्ग और तनाव में है। परेशान व्यापारियों ने सरकार से तीन महीने से साल भर तक अलग अलग क्षेत्रों में राहत की मांग की है। उनका कहना है कि बिजली बिल, टैक्स और ब्याज में छूट दी जाए।
22 मार्च को जनता कर्फ्यू के दिन से ही आवश्यक सेवाओं को छोड़कर अन्य व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद हैं। इसके बाद भी व्यापारियों को अपने स्टाफ के लिए वेतन देना पड़ रहा है। बिजली बिल, टैक्स, बैंक का ब्याज, जीएसटी, ईएसआईसी, संपत्ति कर, प्रतिष्ठान का किराया जैसी देनदारी अभी भी जारी है। ऐसी स्थिति में व्यापारियों के लिए काफी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। सरकार ने अभी तक अधिकांश फैसले गरीब वर्ग को ध्यान में रखकर ही किए हैं। व्यापारियों की मांग है कि उनके हित में भी कुछ फैसले किए जाएं। यदि ऐसा नहीं किया गया तो छोटे दुकानदार तबाह हो जाएंगे। बड़े दुकानदारों को भी अपना वजूद बचाना मुशिकल होगा। इससे रोजगार क्षेत्र में भी गिरावट होगी।
उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार संघ के प्रांतीय महामंत्री राजेंद्र गुप्ता ने कहा कि सरकार ने अभी तक व्यापारियों के लिए बड़ी राहत की घोषणा नहीं की है। हमें 30 अप्रैल तक घर में रहकर सहयोग करने में भी कोई आपत्ति नहीं है। यदि सरकार कुछ बोझ हटा दे तो व्यापारियों को राहत मिलेगी।
व्यापार मंडल के महामंत्री राजेश जसोरिया ने कहा कि सरकार किसानों को अकाल में ब्याज से मुक्ति देती है। यह समय हम व्यापारियों के लिए भी अकाल का ही है। सात सूत्रीय मांग पत्र तैयार कर सरकार को भेजा जा रहा है। सरकार को हमारा ध्यान रखते हुए घोषणाएं करनी होंगी।
कोषाध्यक्ष संजीव चांदना ने कहा कि ऑनलाइन व्यापार ने व्यापारियों की पहले से ही कमर तोड़ रखी थी। लॉकडाउन ने स्थिति और खराब कर दी। व्यापारियों को हर हाल में टैक्स और ब्याज पर छूट मिलनी चाहिए। बड़ा राजस्व देने वाले व्यापारियों की मांग को सरकार को गंभीरतापूर्वक सुनना होगा।
ये हैं मांगे
0 सभी कॉमर्शियल बिजली बिल अगले तीन महीने के लिए आधे कर दिये जाएं।
0 अगले 12 महीने तक जीएसटी का 50 फीसदी कंपनी अपने पास ही रखे।
0 अगले छह महीने तक ब्याज न देने की छूट दी जाये।
0 सभी बैंकों और गैर बैंकिंग वित्तीय निगम को दी जाने वाली मासिक किश्त अगले छह महीने के लिए स्थगित की जाए। विलम्ब पर किसी प्रकार का चार्ज न लगाया जाय।
0 अगले छह महीने तक कर्मचारियों का पीएफ कम्पनी नहीं, सरकार वहन करे।
0 अगले छह महीने तक कर्मचारियों का कर्मचारी राज्य बीमा निगम का हिस्सा कम्पनी नहीं, सरकार वहन करे।
0 वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए सभी व्यापारिक संपत्तियों पर संपत्ति कर आधा कर दिया जाय।