न्यूज जंक्शन 24, देहरादून। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की स्नातक स्तरीय परीक्षा के पेपर लीक का मास्टरमाइंड (mastermind of the uksssc paper leak) आयोग की आउटसोर्स कंपनी आरएमएस टेक्नो सॉल्यूशन का मालिक राजेश चौहान ही निकला। उसने यह पेपर दो करोड़ रुपये में केंद्रपाल नाम के दलाल को बेचा था। यह पैसा हाकम सिंह रावत के साथी केंद्रपाल ने उसके कई रिश्तेदारों को दिया।
केंद्रपाल ने यह राज एसटीएफ के सामने उगला। देर रात हुई पूछताछ के बाद एसटीएफ ने राजेश चौहान को गिरफ्तार कर लिया। चौहान ने ही सचिवालय रक्षक भर्ती परीक्षा का पेपर भी लीक कराया था। न्यायालय के आदेश पर उसे जेल भेज दिया गया है। एसटीएफ के एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि स्नातक स्तरीय परीक्षा के पेपर लीक (mastermind of the uksssc paper leak) मामले में शुक्रवार तक आरएमएस टेक्नो सॉल्यूशन के तीन कर्मचारियों को गिरफ्तार किया जा चुका था।
बार-बार इन्हीं कर्मचारियों का नाम सामने आ रहा था। किसी के हिस्से में 35 लाख रुपये आए थे तो किसी के 40 लाख रुपये। कहीं न कहीं जांच टीम इसमें कंपनी के किसी बड़े अधिकारी का हाथ भी मानकर चल रही थी। दो बार कंपनी के मालिक राजेश चौहान को पूछताछ के लिए बुलाया भी जा चुका था। इसी बीच एसटीएफ ने धामपुर निवासी प्रतियोगी परीक्षाओं के दलाल केंद्रपाल को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में उसने राजेश चौहान का नाम लिया।
केंद्रपाल ने बताया कि वह राजेश चौहान को वर्षों से जानता है। उसने ही इस परीक्षा से पहले चौहान से संपर्क किया और पेपर लीक कराने को कहा। उनका सौदा दो करोड़ रुपये में हुआ। यह पैसा किसी बैंक अकाउंट में न देकर उसके धामपुर निवासी रिश्तेदारों को दिया गया। कुछ पैसा धामपुर में ही उसकी ससुराल के लोगों को भी दिया गया। चूंकि, राजेश चौहान को बार-बार पूछताछ के लिए बुलाया जा रहा था तो बृहस्पतिवार देर रात भी वह एसटीएफ ऑफिस आया था। यहां उसने जो बयान दिए, उसमें विरोधाभास निकला। इसके आधार पर उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
पूछताछ में पता चला कि राजेश चौहान ने सिर्फ स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा का ही नहीं बल्कि सचिवालय रक्षक परीक्षा का पेपर भी लीक कराया था। एसएसपी ने बताया कि आरोपी राजेश चौहान को दोनों मुकदमों का मुख्य आरोपी बनाया गया है। एसटीएफ के मुताबिक, राजेश चौहान के कहने पर लखनऊ स्थित आरएमएस सॉल्यूशन की प्रिंटिंग प्रेस से यह पेपर अभिषेक वर्मा ने चोरी किया था। पेपर के जब सेट बनाए जा रहे थे तो लिफाफे में बंद करने से पहले तीनों सेट के अभिषेक वर्मा ने फोटो खींच लिए थे। उसने इसे पहले अपने मालिक राजेश चौहान को भेजा। इसके बाद अन्य साथियों को टेलीग्राम के माध्यम से भेज दिया। अभिषेक ने जयजीत को और जयजीत ने अपने संपर्क में आए अन्य लोगों को पेपर बेचे।
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