एनजेआर, एलुरु। राष्ट्रपति से आंध्र प्रदेश के एक युवक ने नक्सली बनने की इजाजत मांगी है। राज्य के पूर्वी गोदावरी जिले की अनुसूचित जाति (एससी) के एक युवक ने आरोप लगाया कि पुलिस थाने में पहले उसकी पिटाई की गई फिर मूंछ और सिर के बाल मुंडवा दिए गए। इस युवक ने न्याय नहीं मिलने का जिक्र करते हुए राष्ट्रपति को पत्र लिखकर नक्सली समूह से जुड़ने की अनुमति मांगी है।
एलुरु रेंज के डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल (डीआईजी) ने युवक के इस कदम को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है। डीआईजी मोहर राव ने कहा कि एक प्रतिबंधित संगठन में शामिल होने की मांग को उचित नहीं ठहराया जा सकता है। उन्होंने वारा प्रसाद नामक युवक के आरोपों के मद्देनजर उठाए गए कदमों की जानकारी देते हुए कहा- सीतानगरम थाने के उपनिरिक्षक और एक सिपाही को गिरफ्तार कर लिया गया है, दोनों के खिलाफ एससी-एसटी कानून के तहत मामला दर्ज किया गया है। शिकायतकर्ता वारा प्रसास को सुरक्षा मुहैया कराने के साथ ही उनके गांव में पुलिस को तैनात किया गया है। डीआईजी ने कहा कि इस तरह के कदम उठाने के बावजूद वारा प्रसाद का राष्ट्रपति को पत्र लिखकर यह कहना कि उन्हें न्याय नहीं मिला,दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने संभावना जताई कि वारा द्वारा उठाया गया कदम किसी राजनीतिक दल द्वारा प्रेरित हो सकता है।
यह है मामला
बताया जा रहा है कि वारा प्रसाद ने वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के एक नेता के बालू लदे ट्रक को मुनी कूडाली इलाके में रोकने का प्रयास किया था। इसके बाद पुलिस ने वारा को जांच के लिए 20 जुलाई को थाने में बुलाया। वेडुल्लपाल्ले गांव निवासी वारा ने आरोप लगाया कि उसे थाने में मारा-पीटा गया। इसके बाद उसकी मूंछ और सिर के बाल भी मुंडवा दिए गए। वारा की शिकायत पर पर डीजीपी ने जांच बिठाकर एक उपनिरीक्षक और दो सिपाहियों को पहले ही निलंबित कर दिया था। खुद मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने 22 जुलाई को मामले में हस्तक्षेप करके सख्त कदम उठाने को कहा था।