हल्द्वानी तहसील निरीक्षण: सुपरवाइजर के घर मिले अभिलेख, मंडलायुक्त ने अपनाया सख्त रुख

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उत्तराखंड के कुमाऊं मंडलायुक्त एवं आयुक्त/सचिव मुख्यमंत्री, दीपक रावत ने मंगलवार को हल्द्वानी तहसील परिसर का निरीक्षण किया, जहाँ उन्हें कई गंभीर अनियमितताएं मिलीं। जांच में पाया गया कि तहसील कार्यालय के महत्वपूर्ण अभिलेख सुपरवाइजर कानूनगो के घर पर रखे गए थे, जो प्रशासनिक अनुशासनहीनता का गंभीर मामला है।

मंडलायुक्त ने तुरंत कड़ा रुख अपनाते हुए सुपरवाइजर कानूनगो के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के आदेश दिए। उन्होंने स्वयं संबंधित के घर जाकर फाइलों की जांच की। साथ ही जिलाधिकारी को सभी अभिलेखों की व्यापक जांच कराने और ऐसी पुनरावृत्ति रोकने के निर्देश भी दिए गए।

निरीक्षण के दौरान आयुक्त ने तहसील परिसर की सफाई, शौचालयों की स्थिति, पार्किंग व्यवस्था और सुरक्षा के प्रावधानों का भी पूरा मूल्यांकन किया। उन्होंने मुख्य गेट पर सीसीटीवी कैमरे लगाने, शौचालयों की नियमित सफाई और जल आपूर्ति सुनिश्चित करने तथा पार्किंग व्यवस्था को बेहतर बनाने के निर्देश जारी किए।

तहसील में लंबित मामलों की समीक्षा के दौरान यह पता चला कि 1 जनवरी 2025 से अब तक कुल 7000 प्रकरण दर्ज हुए हैं, जिनमें से 1044 मामले अभी भी लंबित हैं। मंडलायुक्त ने कहा कि पुराने मामलों की सुनवाई में विलंब नहीं होना चाहिए और तीन वर्ष से अधिक पुराने मामलों को अगले तीन माह में निस्तारित किया जाना चाहिए।

इसके अतिरिक्त, तहसील में दाखिल-खारिज और नोटशीट प्रक्रिया की भी जांच की गई, जिसमें कुछ मामलों में नोटशीट में कार्यवाही और वर्तमान स्थिति का विवरण नहीं था। इस पर अधिकारियों को संबंधित नियमों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने और समय पर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए।

आयुक्त ने इस वर्ष अब तक ₹3.45 करोड़ की वसूली पर संतोष व्यक्त किया और ₹4.99 करोड़ की वसूली शेष रहने की जानकारी दी। उन्होंने वसूली से संबंधित सूची सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित करने के भी निर्देश दिए ताकि प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहे।

अंत में मंडलायुक्त ने कहा कि हल्द्वानी तहसील में प्रशासनिक व्यवस्था और प्रक्रियाओं के सुधार के लिए निरंतर निगरानी रखी जाएगी। उन्होंने सभी अधिकारियों को समयबद्ध निस्तारण, पारदर्शिता और अनुशासन बनाए रखने पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए ताकि आम जनता को बेहतर और भरोसेमंद सेवाएं मिल सकें।

 

निरीक्षण के दौरान सिटी मजिस्ट्रेट गोपाल सिंह चौहान, तहसीलदार मनीषा बिष्ट सहित अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद थे।