कल उत्तराखंड सरकार उठाने जा रही एक बड़ा कदम, विरोध कर रहे लोगों की रहेगी खास नजर

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न्यूज जंक्शन 24, देहरादून। देवस्थानम बाेर्ड को लेकर दो साल से मठ मंदिरों के पुजारियों और हक हकूक धारियों का विरोध झेल रही उत्तराखंड सरकार के लिए कल एक महत्वपूर्ण दिन रहेगा। उत्तराखंड विधानसभा चुनाव को कुछ ही समय शेष रह गया है। ऐसे में गले की फांस बन चुके देवस्थानम बोर्ड का हल निकालने में सरकार पूरी तरह जुटी हुई है। इसको लेकर बनाई गई हाईपावर कमेटी ने सरकार को अपनी अंतिम रिपोर्ट भी सौंप दी है। ऐसे में उम्मीद है कि धामी सरकार मंगलवार को देवस्थानम बोर्ड पर कोई बड़ा फैसला ले सकती है।

चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड को लेकर गठित हाईपावर कमेटी के अध्यक्ष एवं पूर्व सांसद मनोहर कांत ध्यानी ने पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज की उपस्थिति में सीएम पुष्कर सिंह धामी को अपनी फाइनल रिपोर्ट सौंपी है। ऐसे में चारधाम तीर्थ पुरोहितों को अब रिपोर्ट के खुलासे और राज्य सरकार के फैसले का इंतजार है।

देवस्थानम बोर्ड को लेकर बनाई गई उच्च स्तरीय समिति के अध्यक्ष पूर्व सांसद मनोहर कांत ध्यानी की ओर 89 पेजों की रिपोर्ट बनाकर दी गई है। रिपोर्ट का अध्ययन करने बाद ही बोर्ड को लेकर कुछ निर्णय लिया जाएगा।
– पुष्कर सिंह धामी मुख्यमंत्री उत्तराखंड

यहां समझिए देवस्थानम बोर्ड क्या है

त्रिवेंद्र सिंह रावत के नेतृत्व वाली सरकार ने उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन अधिनियम-2019 के तहत एक भारी-भरकम बोर्ड का गठन कर चार धामों के अलावा प्रदेश के 51 मंदिरों का प्रबंधन अपने हाथों में ले लिया था। सरकार का कहना था कि लगातार बढ़ रही यात्रियों की संख्या और इस क्षेत्र को पर्यटन व तीर्थाटन की दृष्टि से मजबूत करने के उद्देश्य से सरकार का नियंत्रण जरूरी है। सरकारी नियंत्रण में बोर्ड मंदिरों के रखरखाव और यात्रा के प्रबंधन का काम बेहतर तरीके से करेगा, मगर इन 51 मंदिरों के हक हकूकधारियों ने सरकार के इस निर्णय को गलत बताया आैर हाई कोर्ट भी गए। मगर कोर्ट ने भी सरकार के फैसले को सही ठहराया। इसके बाद से ही पुजारी सरकार का विरोध कर रहे हैं।

30 नवंबर तक मामला सुलझाने का दावा

तीर्थ पुरोहितों का गुस्सा इस बात पर है कि सरकार ने 2019 में जो देवस्थानम बोर्ड की घोषणा की थी, उसे वापस नहीं लिया जा रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपना कार्यभार संभालने के बाद 11 सितंबर, 2021 को तीर्थ पुरोहितों को अपने आवास में बुलाकर आश्वस्त किया था कि 30 नवंबर तक इस मामले को सुलझा लिया जाएगा। पुरोहितों को इस बात पर भी रोष है कि सरकार की तरफ से बनाई गई हाईपावर कमेटी के अध्यक्ष मनोहर कांत ध्यानी ने कहा है कि बोर्ड को किसी कीमत पर भंग नहीं किया जाएगा। अगर पुरोहित समाज को इसके प्रावधानों से दिक्कत है तो उस पर विचार किया जा सकता है।

तीर्थ पुरोहितों, हक हकूकधारियों से बातचीत के आधार पर देवस्थानम बोर्ड को लेकर विस्तृत रिपोर्ट बनाकर मुख्यमंत्री को सौंपी गई है। प्रदेश सरकार की ओर से रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद ही कोई फैसला लेना है।
– मनोहर कांत ध्यानी, अध्यक्ष देवस्थानम बोर्ड उच्च स्तरीय समिति

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