Train accident-लोको पायलट व सहायक लोको पायलट ने Red signal पर दौड़ा दी ट्रेन, इसलिए हुआ भयानक हादसा

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बरेली। हुलास नगला रेल क्रॉसिंग पर गुरुवार सुबह हुए ट्रेन हादसे के दोषी लोको पायलट व सहायक लोको पायलट निकले। रेड सिग्नल होने के बावजूद ट्रेन को दौड़ाते ले आये। रेल फाटक खुला होने से आवाजाही हो रही थी। इस कारण ट्रेन ट्रक व बाइक सवार को चपेट में लेते हुए आगे जाकर डिरेल हो गई। हादसे में बच्चे समेत पांच लोगों की मौत हो गई थी।

गुरुवार सुबह से ही अधिकारियों की टीम जांच पड़ताल में जुटी हुई थी। प्रथम दृष्टया पांच सदस्यीय टीम ने जांच रिपोर्ट बनाई। जिसमें रेड सिग्नल ओवरशूट यानी रेड सिग्नल होने के बावजूद ट्रेन को तेज रफ्तार से चलाने की पुष्टि हुई है। इस मामले में चंडीगढ़ लखनऊ एक्सप्रेस के लोको पायलट, सहायक लोको पायलट, गार्ड, केबिन मैन के बयान दर्ज किए गए। सामने निकल कर आया कि सुबह 6:00 बजे क्रॉसिंग खुली हुई थी। दोनों साइड से सड़क यातायात सुचारू रूप से चल रहा था। इसी बीच स्टेशन की ओर से तेज रफ्तार चंडीगढ़ लखनऊ एक्सप्रेस गुजरी। उस वक्त बीच ट्रैक पर कोल्ड ड्रिंक से भरा ट्रक टकराया। इसके बाद ट्रेन दो बाइक सवार व तीन ट्रकों से टकराते हुए आगे निकल गई। रेल इंजन में एक ट्रक का मलबा फंस गया।

उसी में सवार पांच लोगों की मौत हो गई। आगे निकलते ही इंजन पटरी से उतर गया। लोको पायलट ने बताया कि उसने होम सिग्नल ग्रीन देखा था। स्टेशन के आउटर सिग्नल पर उसने ध्यान नहीं दिया। राहगीरों ने बताया कि फाटक खुला था। सड़क यातायात चल रहा था। ट्रेन को आते देख कर लोग भागे। इतनी देर में ट्रेन ने 4 वाहनों को अपनी चपेट में ले लिया। ट्रैक खून से लाल हो गया। इस मामले में लोको पायलट और सहायक लोको पायलट को दोषी मानते हुए निलंबित कर दिया गया। बता दें कि ट्रेन हादसे के बाद लखनऊ से दिल्ली तक खलबली मच गई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हादसे पर संवेदना व्यक्त करते हुए मृतकों के परिजनों को ₹200000 और घायलों का इलाज कराने की घोषणा की थी। वही रेल मंत्रालय ने भी सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए थे। इसके बाद एक विशेष जांच टीम बनाई गई थी। दोपहर को टीम बरेली पहुंच गई थी। बोर्ड से आये उच्च अधिकारियों ने जांच की। घटना के संबंध में जानकारी ली। प्रथम दृष्टया जांच रिपोर्ट लेने के बाद टीम मौके के लिए रवाना हो गई। जिसके बाद सच सामने आने के बाद कार्रवाई की गई।