हल्द्वानी। यूपी में एक हजार लोगों का धर्मांतरण कराने के आरोप में पकड़ा गया मास्टरमाइंड उमर गौतम का कनेक्शन उत्तराखंड के पंतनगर और नैनीताल से भी जुड़ रहा है। उसने एटीएस की पूछताछ में स्वीकार किया है कि उसने 1984 में नैनीताल में धर्म परिवर्तन कर इस्लाम धर्म अपनाया था। उमर ने एटीएस को बताया है कि उसका परिवार मूल रूप से उत्तर प्रदेश के फतेहपुर थरियांव थाना क्षेत्र के पंथुवा गांव रहने वाला है। उसका नाम श्याम प्रकाश गौतम था। 1984 में उसने नैनीताल में हिंदू धर्म छोड़ इस्लाम अपना लिया था।
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यूट्यूब पर उमर गौतम का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें वह कह रहा है कि वह इलाहाबाद से 12वीं कक्षा की पढ़ाई करने के बाद बीएससी एग्रीकल्चर करने के लिए नैनीताल गया था, जहां उसने पंतनगर एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी से बीएससी की। वह हॉस्टल में रहता था। इसी दौरान उसकी मुलाकात बिजनौर निवासी नासिर से हो गई। धीरे-धीरे दोनों की दोस्ती हो गई। उसके साथ हिंदी में कुरान पढ़ते हुए वह इस्लाम धर्म की ओर आकर्षित होने लगा। 1984 में उसने नैनीताल में हिंदू धर्म छोड़ इस्लाम अपना लिया। बीएससी के बाद उसने जामिया इस्लामियां में पढ़ाई की। उसने फिर इस्लामिक दावा सेंटर खोला। अब तक वह बड़ी संख्या में हिंदुओं का धर्म परिवर्तन कर मुस्लिम बना चुका है। बहरहाल उमर के इस कबूलनामे के बाद नैनीताल से धर्म परिवर्तन के गिरोह के तार जुड़ गए हैं।
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डेढ़ साल पहले पिता के निधन पर गया था गांव
करीब डेढ़ साल पहले पिता धनराज सिंह के निधन की खबर पर मौलाना उमर गौतम गांव आया था। उनकी वेशभूषा देखकर गांव वाले भी दंग रह गए थे। इसके बाद उसे गांव में नहीं देखा गया। श्याम प्रताप सिंह की पहली पत्नी से दो बच्चे भी थे। उमर के मुस्लिम धर्म अपनाने के बाद ससुर ने बेटी को नहीं भेजा। क़रीब दस साल वह मायके में रही। बाद में उमर के साथ वह भी दिल्ली चली गईं। उमर ने दिल्ली में मुस्लिम महिला से दूसरी शादी कर ली थी। दूसरी पत्नी से एक बेटी व दो बेटे हैं। गी। जिले में मोहम्मद उमर के लिंक भी खोजे जा रहे हैं। उसका परिवार से कोई वास्ता होना सामने नहीं आया है।