उत्तराखंड : कोरोनाकाल में फर्जी बिलों पर भुगतान ! सीएम तीरथ सख्त डीएम से मांगी रिपोर्ट

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देहरादून। लगातार एक्शन में दिख रहे उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत हर मामले को गंभीरता से ले रहे हैं। उत्तरकाशी जिले में कोरोनाकाल के दौरान कई फर्जी बिलों पर हुए भुगतान और नमामि गंगे अभियान में बरती गई लापरवाही की शिकायतों पर सख्त रुख अपनाते हुए जिलाधिकारी को जांच के आदेश जारी कर दिये हैं। उन्होंने बिना किसी देरी के दस दिन के भीतर जांच रिपोर्ट देने को कहा है।
मुख्यमंत्री त्वरित समाधान कार्यक्रम के तहत वर्चुअली संवाद में मुख्यमंत्री ने लोगों से संवाद किया। जिसमें ग्रामीणों ने खुलकर अपनी बात मुख्यमंत्री के समक्ष रखी। इसी दौरान नैताला के जिला पंचायत सदस्य ने कोरोनाकाल के दौरान कई फर्जी बिलों को बनाकर भुगतान का मामला मुख्यमंत्री के समक्ष उठा दिया। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में मौजूद लोगों से इस पर जवाब भी मांगा मगर सभी अधिकारी निरुत्तर दिखे। जिस पर मुख्यमंत्री सख्त हो गए। इसी तरह नमामि गंगे अभियान के तहत बरती गई लापरवाही और शासन को संतुष्ट करने के लिए की गई कागजी खानापूरी का मामला भी जोरशोर से उठा। यह भी बताया गया कि नमामि गंगे योजना के तहत गंगानदी के किनारे घाट बनाया जाना था, उसका बजट भी पास हो गया मगर बताया जा रहा है कि बजट खर्च हो चुका है और घाट आज तक नहीं बना। जबकि चर्चा है कि कागजों में वस्तु स्थिती कुछ और दर्शाई गई है।
इस पर मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने जिलाधिकारी को हर मामले का गंभीरता से संज्ञान लेते हुए बिना किसी देरी के दस दिन के भीतर जांच कर रिपोर्ट से अवगत कराने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि अगर कोई अधिकारी नहीं सुनता है तो जनप्रतिनिधि सीधे उनके पास शिकायतें भेज सकते हैं।