न्यूज जंक्शन 24, देहरादून। विद्युत अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा ने 14 सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन का फैसला लिया है। तीनों ऊर्जा निगमों (Uttarakhand Power corporation) के कर्मचारी 31 दिसंबर से हड़ताल शुरू करेंगे। संघर्ष मोर्चा ने सरकार व शासन को मांगों पर आदेश जारी करने के लिए 30 दिसंबर तक का समय दिया है। मोर्चा की ओर से तीनों निगमों को आंदोलन को नोटिस जारी किया गया।
विद्युत अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा का कहना है कि बीते पांच अक्टूबर को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में मांगों पर समझौते के बावजूद आज तक कोई कार्यवाही नहीं की गई। तीन ऊर्जा निगम (Uttarakhand Power corporation) के कर्मचारियों की 2016 तक लागू एसीपी की व्यवस्था व अन्य संवर्ग की विभिन्न समस्याओं पर कोई भी आदेश जारी नहीं हुए हैं।
इसलिए संयुक्त संघर्ष मोर्चा ने निर्णय लिया है कि पांच अक्टूबर को स्थगित आंदोलन फिर से शुरू किया जाएगा। 22 दिसंबर को तीनों निगमों (Uttarakhand Power corporation) के कर्मचारी उत्तराखंड जल विद्युत निगम मुख्यालय पर एक दिवसीय विशाल सत्याग्रह करेंगे। 30 दिसंबर तक मांगों पर आदेश जारी न होने पर 31 दिसंबर को सुबह आठ बजे से सभी कर्मचारी हड़ताल पर जाएंगे।
मोर्चा ने उत्तराखंड पावर कारपोरेशन (यूपीसीएल), उत्तराखंड जलविद्युत निगम (यूजेवीएन) और पिटकुल के प्रबंध निदेशक को आंदोलन का नोटिस भी भेजा है।
ये है प्रमुख मांगें
- ऊर्जा निगमों (Uttarakhand Power corporation) में पुरानी एसीपी व्यवस्था को लागू करना।
- तीनों निगमों में उपनल संविदा कार्मिकों को नियमित करने व नियमितीकरण तक न्यायालय के आदेश के अनुरूप समान कार्य समान वेतन देने।
- समझौते के अनुरूप अवर अभियंता संवर्ग को ग्रेड पे में शासन के अनुरूप एक जनवरी 2009 से 4600 ग्रेड वेतन देना।
- तीनों ऊर्जा निगम में हुए भत्तों के रिवीजन में कर्मचारियों को हुए नुकसान पर उचित कार्रवाई करने।
- उत्तराखंड पावर कारपोरेशन में तकनीशियन से अवर अभियंता के पद पर 10 वर्षों से लंबित पदोन्नति प्रक्रिया पूरी करने।
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