उत्तराखंड में हाथियों का झुंड एकाएक खेतों में आने से अफरा-तफरी मच गई। इससे हरिद्वार के गाडोवाली क्षेत्र में हड़कंप मच गया। इस घटना के दौरान लोगों ने शोर मचाया, जिससे अफरा-तफरी का माहौल बन गया, लेकिन किसी को कोई नुकसान नहीं हुआ। हालाँकि, यह घटना यह दर्शाती है कि हरिद्वार में जंगली हाथियों के आक्रमण की समस्या अभी भी जारी है।
इससे पहले, एक हाथी जंगल से भटक कर गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय पहुंच गया था। विश्वविद्यालय परिसर में हाथी के घुसने से वहां अफरातफरी मच गई थी, और छात्रों को जान बचाने के लिए भागना पड़ा था। हाथी काफी देर तक परिसर में घूमता रहा, जिससे विश्वविद्यालय में पढ़ाई करने वाले छात्रों और कर्मचारियों में दहशत का माहौल बन गया।
वहीं, हरिद्वार के जगजीतपुर क्षेत्र में अब तक हाथियों के झुंड देखे जा रहे थे, लेकिन अब ये हाथी गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय जैसे रिहायशी इलाकों में भी घुसने लगे हैं। इससे स्थानीय लोग चिंतित हैं, क्योंकि बड़ी संख्या में छात्रों के बीच हाथियों का आना एक गंभीर खतरे का संकेत है।
वन विभाग के अधिकारी हालांकि दावा कर रहे हैं कि हाथियों को रोकने के लिए विशेष टीम का गठन किया गया है, जो जैसे ही हाथी आबादी वाले इलाकों में पहुंचते हैं, उन्हें वापस जंगल की ओर खदेड़ देती है।
इसी बीच, हरिद्वार-लक्सर मार्ग पर मिस्सरपुर और शिव विहार कॉलोनी में भी रात नौ बजे चार हाथियों का एक झुंड सड़क पर आ गया था। इससे कॉलोनी में भगदड़ मच गई, लेकिन हाथी आधे घंटे बाद स्वयं जंगल में लौट गए। यह इलाका पहले भी हाथियों की गतिविधियों का गवाह रहा है, और यहां के लोग इस तरह के खतरे से जूझते आ रहे हैं।
हालांकि, इन घटनाओं में अभी तक किसी प्रकार का जान-माल का नुकसान नहीं हुआ है, लेकिन हाथियों का रिहायशी इलाकों में घुसना लगातार चिंता का विषय बन गया है। वन विभाग को अब इस समस्या को सुलझाने के लिए और प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता है।