उत्तराखंड में मानसून पूरी तरह सक्रिय हो चुका है और लगातार हो रही बारिश ने प्रदेश के कई हिस्सों में जनजीवन को प्रभावित किया है। विशेषकर पर्वतीय क्षेत्रों में हालात गंभीर बने हुए हैं, जहां भूस्खलन और सड़कों के बंद होने की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं।
मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, 12 जुलाई को मानसून कुमाऊं क्षेत्र में अधिक सक्रिय रहेगा। इस दौरान नैनीताल और पिथौरागढ़ जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है। मौसम विभाग ने इन जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है।
विभाग ने 13 जुलाई को राज्य के तीन जिलों में अधिकांश स्थानों पर वर्षा का अलर्ट जारी किया है, जबकि अन्य 10 जिलों में भी हल्की से मध्यम बारिश के आसार हैं। लगातार हो रही बारिश के कारण भूस्खलन, जलभराव और यातायात अवरोध जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
मौसम विभाग और जिला प्रशासन ने लोगों से अनावश्यक यात्रा से बचने की अपील की है। खासकर पर्वतीय क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को विशेष सतर्कता बरतने और सुरक्षा नियमों का पालन करने की सलाह दी गई है।
शुक्रवार को भी प्रदेश के कई जिलों में तेज बारिश की संभावना बनी हुई है। देहरादून, पिथौरागढ़ और बागेश्वर जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विभाग ने इन क्षेत्रों में तीव्र से अति तीव्र वर्षा की चेतावनी दी है।
मौसम विज्ञानी रोहित थपलियाल ने बताया कि आने वाले सप्ताह भर तक उत्तराखंड के विभिन्न हिस्सों में रुक-रुक कर बारिश होती रहेगी। उन्होंने कहा कि ऐसे हालात में लोगों को बेहद सतर्क रहने की आवश्यकता है, विशेषकर पर्वतीय इलाकों में रहने वालों को।
प्रशासन ने सभी जिला अधिकारियों को अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए हैं और आपदा प्रबंधन टीमों को तैयार रहने को कहा गया है, ताकि किसी भी आपात स्थिति से समय रहते निपटा जा सके।











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